राज ठाकरे द्वारा लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाया गया था, उसके बाद इसे लेकर देश भर में तमाम तरह के विवाद अभी भी जारी है। खास तौर पर बीजेपी शासित राज्यों में लाउडस्पीकर को लेकर जमकर राजनीति हो रही है। बिहार में भी बीजेपी के सहयोग से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार चल रही है।
बीजेपी के सहयोग से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार बिहार में चल रही है, इस वजह से यहां भी लाउडस्पीकर हटाने की मांग शुरू हो चुकी है। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस मामले को लेकर कुछ और ही नजरिया है।
लाउडस्पीकर को लेकर चल रही राजनीति पर जब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह सब फालतू की चीज है, जिसे जैसा मन करता है वह वैसे चलता है। सबकी अपनी इच्छा है। यह सब चीजों पर कहीं कोई खतरा नहीं है। नीतीश कुमार का यह बयान उस वक्त आया है जब उनकी ही सरकार में मौजूद कुछ मंत्री और बीजेपी नेता लगातार लाउडस्पीकर हटाने की बात कर रहे हैं।
बिहार में भी लाउडस्पीकर हटाने की मांग उस वक्त उठने लगी जब नीतीश कुमार के मंत्री जनक राम ने एक बयान दिया, उसमें उन्होंने कहा कि देश के कानून से बड़ा कोई धर्म नहीं है। राज्यों में भी कानून ही चलता है। अगर यूपी में यह कानून आया है तो इसका असर बिहार पर भी पड़ेगा।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकर की आवाज कम कर दी गई है और अधिकतर जगहों से हटाया भी गया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने तारीफ की है।