हिमाचल चुनाव में इस आधार पर टिकट देगी कांग्रेस

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस की चुनावी तैयारियां पहले से तेज हो चली है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की कमान खुद प्रियंका गांधी ने संभाल रखी है. कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि इस बार हिमाचल प्रदेश में उनकी सरकार बनेगी। इसीलिए पार्टी ने एक चुनावी सर्वे भी कराया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह सर्वे हिमाचल की 30 सीटों पर कराया गया है. यह वह सीटें हैं जहां पर 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार मिली थी। वहीं सर्वे के आधार पर ही पार्टी जातिगत समीकरण को देखते हुए मजबूत प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारेगी. सर्वे में जातिगत के साथ-साथ क्षेत्रीय समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. जिन सीटों का सर्वे हुआ है उनमें सराज, सरकाघाट, जोगेद्रनगर, मनाली, शाहपुर, जसवा, परागपुर, चुराह, देहरा ,कसौली ,पच्छाद, भटियात सीटे हैं. विधानसभा सीटों में कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है।

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में इस बार 2017 विधानसभा चुनाव की गलतियों से सबक लेते हुए कांग्रेस ने एक चुनावी सर्वे कराया है. इस सर्वे के माध्यम से ही प्रियंका गांधी वाड्रा टिकट वितरण करेंगी. इसके अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ संगठन को और मजबूत बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने राज्य में 12 आब्जर्वर की नियुक्ति की है. इनमें से ज्यादा आब्जर्वर प्रियंका गांधी की टीम के नेता हैं, इन सीटों पर कराए गए सर्वे की रिपोर्ट इस महीने के अंत में प्रियंका गांधी को सौंप दी जाएगी. इसके आधार पर कांग्रेस उन सीटों पर ज्यादा फोकस करेगी जहां उसकी स्थिति कमजोर है. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस 30 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों का चयन करेगी.

हिमाचल प्रदेश एक ऐसा राज्य है. जहां बीते 4 दशकों से एक मिथक चला आ रहा है. इस मिथक के अनुसार हर 5 साल में राज्य में सत्ता परिवर्तन होता है. 1985 के बाद से ही हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल के अंतराल पर भाजपा और कांग्रेस को सत्ता मिली है. 2017 विधानसभा चुनाव में राज्य की 68 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 44 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं 2022 विधानसभा चुनाव में मिथक के अनुसार कांग्रेस को सत्ता मिलनी चाहिए. इसलिए हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि जनता इन चुनावों में कांग्रेस का भरपूर साथ देगी. वहीं भाजपा को उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तरह वह हिमाचल में भी इस बार पूरी तरह मिथक को गलत साबित कर देगी।

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