नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहा है। पूर्वोत्तर भारत के बाद ये प्रदर्शन अलग-अलग जगहों पर भी हो रहा है। ऐसा ही एक प्र्दशन दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में भी हुआ मगर इस प्रदर्शन के बाद हिंसा भड़क गई जो रविवार देर रात उग्र रूप ले लिया।
नागरिकता कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद जिस तरह से पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोक झोंक हुई उसके बाद इस पर अलग-अलग दलों के नेताओ का बयान भी सामने आ रहा है। ।
इस प्रदर्शन के और हिंसा के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नसीहत दे दी।
प्रियंका ने कई ट्वीट किए और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि ‘देश के विश्वविद्यालयों में घुस घुसकर विद्यार्थियों को पीटा जा रहा है। जिस समय सरकार को आगे बढ़कर लोगों की बात सुननी चाहिए, उस समय भाजपा सरकार उत्तर पूर्व, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में विद्यार्थियों और पत्रकारों पर दमन के जरिए अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है। यह सरकर कायर है।’
इसके बाद प्रियंका गांधी ने एक और ट्वीट किया और लिखा कि ‘जनता की आवाज़ से डरती है। इस देश के नौजवानों, उनके साहस और उनकी हिम्मत को अपनी खोखली तानाशाही से दबाना चाहती है। यह भारतीय युवा हैं, सुन लीजिए मोदी जी, यह दबेगा नहीं, इसकी आवाज़ आपको आज नहीं तो कल सुननी ही पड़ेगी।’
वहीं कांग्रेस के आधिकारिक टि्वटर अकाउंट पर भी इस प्रदर्शन को लेकर ट्वीट किया गया। कांग्रेस की ओर से ट्वीट कर लिखा गया कि पूर्वोत्तर से लेकर असम, पश्चिम बंगाल और अब दिल्ली में। भाजपा सरकार देश में शांति बनाए रखने का अपना कर्तव्य निभाने में विफल रही। उसे जिम्मेदारी लेनी चाहिए और हमारे देश में शांति बहाल करनी चाहिए।’
गौरतलब है कि नागरिकता कानून को लेकर हो रहे जामिया में प्रदर्शन ने उस वक्त उग्र रूप ले लिया जब दिल्ली पुलिस जामिया कैंपस में घुसी। इस विरोध प्रदर्शन के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस,टीएमसी जैसी पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
जामिया के छात्रों पर हुए लाठीचार्ज और आसूं गैस के गोले से हमले के बाद दिल्ली के छात्रों ने जामिया के छत्रों के समर्थन में दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर भी प्रदर्शन किया।