झारखंड में विधानसभा चुनाव के तारीखों का घोषणा हो चुका है जिसके बाद विभिन्न राजनीतिक दल अपने तैयारी को अंतिम रूप देने में लग गई है। ऐसे में गठबंधनो का होना और गठबंधन में दरार आना आम बात है।
झारखंड की सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए में बिखराव दिख रहा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी आजसू ने बागी रुख अपना लिया है।
महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में भी भाजपा की अपनी सहयोगी पार्टी के साथ अनबन सामने आ रही है। झारखंड एनडीए सीटों को लेकर विवाद बढ़ गया है। आजसू ने बिना भाजपा से बात किए 12 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। इनमें तीन सीट पर कल भाजपा ने भी उम्मीदवारों की घोषणा की थी।
पार्टी अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो को सिल्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव के लिए फिर से उम्मीदवार बनाया गया है।
2014 के विधानसभा चुनाव में महतो ये सीट हार गए थे। पार्टी ने जुगसलाई सीट पर जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस को उतारा है।
आजसू पार्टी ने कुशवाहा शिवपूजन मेहता को भी टिकट दिया जिन्होंने 2014 के विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर हुसैनाबाद सीट जीती थी और हाल ही में वह आजसू पार्टी में शामिल हो गए थे। पूर्व मंत्री उमाकांत रजक को चंदनकियारी से चुनाव लड़ने के लिए फिर से नामांकित किया गया है, वह पिछला चुनाव हार गए थे।
आजसू और भाजपा में सीटों को लेकर पहले से टकराव की खबर सामने आ रही थी। जिसके बाद आजसू ने बागी रुख अपनाते हुए अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। जबकि भाजपा ने भी पहले ही उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर रखा है। निश्चित तौर पर आजसू और भाजपा का यह बिखराव विपक्षी दलों को फायदा पहुंचाएगा।