मोदीजी पर आरोप है कि वो सरकार का विरोध करने वाले पत्रकारों को इंटरव्यू नहीं देते।
नए साल 2019 का सबसे पहला इंटरव्यू पीएम मोदी ने समाचार एजेंसी एएनआई की एडिटर स्मिता प्रकाश को दिया। इस इंटरव्यू पर सवाल उठ रहे हैं कि पीएम मोदी के जवाब कुछ स्मिता प्रकाश ने दिए तो कुछ खुद पीएम ने।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने जो वादे सत्ता में आने से पहले किए थे उसपे स्मिता प्रकाश ने न तो सवाल किए और न मोदी ने उनका जवाब दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को एक समाचार एजेंसी को करीब 90 मीनट लंबा इंटरव्यू दिया। इस साक्षात्कार में उन्होंने कई मुद्दों पर बात की और लगभग हर मुद्दे के जवाब में विपक्ष का जिक्र जरूर किया। पीएम मोदी के इस साक्षात्कार के मैं, मेरा और मुझे के अहंकार में डूबा साक्षात्कार बताते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार पर करारा पलटवार किया है। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पीएम मोदी के इंटरव्यू पर सवाल उठाते हुए सवला किया कि 55 महीने पहले किए गए उन 10 बड़े वादों का क्या हुआ?
इंटरव्यू में मोदी जी ने अपने 55 महीनों का हिसाब दिया, लेकिन पूरे साक्षात्कार में मैं, मेरा और मुझे को छोड़कर कहीं कुछ भी नहीं था। सुरजेवाला ने कहा कि देश को उम्मीद थी कि 55 महीने बाद नये साल के मौके पर पीएम देश को नई दिशा दिखाएंगे, लेकिन यह इंटरव्यू ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ साबित हुआ। कांग्रेस नेता ने एक-एक मुद्दे पर पीएम को घेरते हुए कहा कि इस सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है और अब इस सरकार के पास सिर्फ 100 दिन बचे हैं।
देश की सुरक्षा से लेकर गंगा सफाई, स्मार्ट सिटी और राफेल मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पीएम मोदी को 2014 के चुनाव से पहले किए गए वादों की याद दिलाते हुए कहा कि अगर इन मुद्दों पर भी मोदी जी बोलते तो ज्यादा अच्छा होता। सुरजेवाला ने पीएम मोदी द्वारा देश से किए गए 10 बड़े वादों पर जवाब मांगा।
1 नोटबंदी
2 गब्बर सिंह टैक्स
3 बैंक फ़्रॉड
4 काला धन वालों की मौज
5 15 लाख हर खाते में
6 राफ़ेल का भ्रष्टाचार
7 महँगाई
8 राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़
9 किसान पर मार
10 अच्छे दिन
प्रधानमंत्री ने एक बार फिर झूठे वादों का पिटारा आम लोगों के सामने रखा है। उन्होंने कहा कि कम से कम नए साल के पहले दिन तो प्रधानमंत्री को सच बोलना चाहिए था। एक ट्वीट में आनंद शर्मा ने कहा कि पीएम के इंटरव्यू में झूठ और असत्य से अनुमान लगाया जा सकता है कि 2019 के प्रचार का क्या होने वाला है।