MP में कमलनाथ की जगह सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग लगातार उठ रही है। सिंधिया से मिले वेणुगोपाल।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार हुई है जिसके बाद पार्टी के अंदर घमासान जारी हो गया है, जहां एक ओर राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग प्रदेशों से कांग्रेस प्रभारी खुद को जिम्मेदार बताते हुए लगातार इस्तीफा दे रहे हैं लेकिन मध्य प्रदेश में कांग्रेस की परेशानी में चौतरफा इजाफा किया है, यहां सीधे-सीधे सीएम कमलनाथ के खिलाफ माहौल बनता दिख रहा है, पार्टी के अंदर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग तेज हो गई है, इस बात को मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सिंधिया को दिल्ली में रुकने के लिए कहा। जिसके बाद उम्मीद लगने लगी कि प्रदेश अध्यक्ष को लेकर जल्द ही कोई बड़ी घोषणा हो सकती है।

सिंधिया की तरफ से आज मध्य प्रदेश में अपनी रैलियों को रद्द कर दिया गया है।
एक दिन पहले ही ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के महासचिव दीपक बाबरिया ने कहा था मध्य प्रदेश में एक महीना के भीतर प्रदेश अध्यक्ष की तैनाती हो जाएगी, पार्टी बदलाव के दौर से गुजर रही है और ये बदलाव राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक पर होगा।

मप्र में कमलनाथ की जगह ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग लगातार उठ रही है। सिंधिया ने वेणुगोपाल से चर्चा की। इससे पहले वेणुगोपाल राहुल से मिले। इसके बाद वे फिर सिंधिया से मिले। इससे सिंधिया को प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की अटकलें तेज हो गईं।

लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में से 28 सीट पर भाजपा ने कब्जा कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस केवल एक सीट छिंदवाड़ा पर ही सिकुड़ गई, भाजपा ने वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की 29 में से 27 सीटों पर कब्जा किया था, तब कांग्रेस को दो सीटें छिंदवाड़ा एवं गुना मिली थी लेकिन इस बार भाजपा ने गुना सीट को कांग्रेस से छीन ली है, प्रदेश में कांग्रेस को मिली हार के बाद मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव दीपक बावरिया ने इस बात की पुष्टि भी की थी।

विधानसभा चुनाव में सिंधिया के जादू के कारण ही कांग्रेस ने 34 विधानसभा सीटों में 27 पर कब्जा कर लिया था। ग्वालियर चंबल से भाजपा को इस तरह की हार की उम्मीद कभी नहीं रही होगी।

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