
लोकसभा चुनाव मे मिली कांग्रेस को करारी हार का जब हम कारण जानने की कोशिश करेगे तब समझ आयेगा कि कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान मे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जो योजनाए लागू की थी उनसे जनता खुश तो थी लेकिन देहात के क्षेत्रो मे इसका क्रेडिट भी पब्लिक मोदी को देने लगी क्योंकि मीडिया मे सोशल मीडिया पर चारो तरफ मोदी ने मार्केटिंग कर रखी हैं
उदाहरण के तौर पर राजस्थान मे गहलोत द्वारा पेंशन योजना जिसमे अशोक गहलोत ने निर्णय लिया कि जिनको 1200 रु पेंशन मिलती है अब उन्हें 1400 रु मिलेगी, और मिलना शुरु भी हो गई लेकिन बुजुर्गो ने इसका श्रेय मोदी को दिया क्योंकि बीजेपी की मार्केटिंग ही इतनी तगडी है कि हर कोई इसके झांसे मे आ जाये
इसका कारण कांग्रेस का इनके प्रति गंभीर नही होना है आज भी राजस्थान मे सरकारी कार्यलयो मे आऱएसएस के लोग घुसे हुए है जिनके दिल मे गोडसे के प्रति प्रेम है उन पर अभी तक मुख्यमंत्री गहलोत कार्यवाही नही कर पाये वही कांग्रेस की सोशल मीडिया इतनी कमजोर है कि कांग्रेस की कर्ज माफी पर नेगेटिव इमेज को रोकने वो विफल रही हैं
कांग्रेस सोशल मीडिया टीम अभी भी अपने नेताओ का महिमामंडन करने मे ही व्यस्त है उन्हें सरकार की योजनाओ को जनता तक पहुंचाने का टाइम ही नही मिला हैं
तीसरी कमजोरी कांग्रेस की है वो मीडिया को मैनेज कर ही नही पाये आज अशोक गहलोत कमलनाथ बघेल जो जनकल्याणकारी फैसले लेते है उन्हे मीडिया कवरेज नही देता फिर चुनाव कैसे जीतोगे?
कांग्रेस के लिये ये समय बेहद ही नाजुक है आत्ममंथन मे कांग्रेस को सोचना चाहिये की आखिर वो सोशल मीडिया पर विफल अपनी योजनाओ को प्रचारित करने मे क्यो हो रहे है?