उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित गोरखपुर अस्पताल में हुई बच्चों की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है क्योंकि सरकार ने अपने जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने के लिए जिस डॉक्टर कफील खान को इस घटना का दोषी बताया था. वह जांच के बाद निर्दोष साबित हुए हैं जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद सरकार फिर एक बार विरोधी दलों के निशाने पर हैं
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर अस्पताल में साल 2017 में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत होने के मामले में डॉ. कफील खान को क्लीनचिट मिलने के साथ ही कांग्रेस योगी सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, “डॉ. कफील खान गोरखपुर त्रासदी को लेकर दोषमुक्त हो चुके हैं, तो क्या अब योगी सरकार किसी और पर आरोप डालने की कोशिशें करेगी या यह मानेगी कि सरकार की उपेक्षा के चलते, ऑक्सीजन की कमी से 63 बच्चों की मौत हुई?”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहक्षेत्र गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 63 बच्चों की मौत के बाद कफील खान को निलंबित कर दिया गया था।
खान पर भ्रष्टाचार और चिकित्सा में लापरवाही के आरोप लगाए गए। खान को उन आरोपों के लिए नौ महीने सलाखों के पीछे रहना पड़ा, जिसके लिए अब उन्हें क्लीनचिट मिल गई है।
खान पर यह भी आरोप लगे थे कि उन्होंने राज्य में नई बनी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार को ऑक्सीजन सप्लाई की कमी के बारे में अंधेरे में रखा।
उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग को सौंपी गई एक रिपोर्ट में खान को आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।
डॉ कफील खान को क्लीन चिट मिलने के बाद अब सवाल यह उठता है कि इस घटना के लिए दोषी कौन था क्योंकि इतने बड़े संख्या में बच्चों की मौत होना कहीं ना कहीं गैर जिम्मेदारी और सरकार के लापरवाही का नतीजा था और साथ ही सवाल यह भी उठता है जब कफील खान ने गलती किया ही नहीं तो सरकार ने उन्हें निलंबित करते हुए 9 महीने तक सलाखों के पीछे क्यों रखा