
BJP के राष्ट्रीय महासचिव और अपने बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले मध्यप्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलास विजयवर्गीय की मुश्किलें बढ़ सकती है क्योंकि उनके खिलाफ पेंशन घोटाले की जांच पूरी हो चुकी है और अब रिपोर्ट सामने आने वाला है।
मध्यप्रदेश के इंदौर में हुए बहुचर्चित पेंशन घोटाला की जांच पूरी हो गई है। कमलनाथ सरकार के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा और इसी के साथ घोटाले की सभी पोल खुल जाएंगी।
इंदौर के पूर्व महापौर एवं वर्तमान में भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पेंशन घोटाले का मुख्य कर्ताधर्ता बताया जाता रहा है और इसको लेकर हमेशा उनके ऊपर कांग्रेस निशाना साधते रही है।
लोक निर्माण मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा है कि शिवराज सरकार में हुए डंपर घोटाले की भी जांच होगी। वर्मा ने नाम लिए बगैर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने गरीब-बुजुर्गों के हक का पैसा खाया है, उन्हें सरकार माफ नहीं करेगी।
मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री वर्मा बोले- कैलाश बाहुबली हैं। अब वह हॉकीबाजी करेंगे। वर्मा ने चुटकी ली कि कैलाश एमपी में नहीं आएंगे, क्योंकि उनकी अनुपस्थिति में शिवराज, नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव सुखी हैं।
गौरतबल है कि इन दिनों भाजपा ने गुटबाजी चरम पर है। कैलाश विजयवर्गीय ने पूरे प्रदेश में अपना नेटवर्क तैयार कर लिया है। जवाब में शिवराज सिंह चौहान का गुट भी खुलकर सामने आया है।
इस घोटाले के रिपार्ट में अगर विजयवर्गीय का नाम होता है तो निश्चित तौर पर बीजेपी के लिए मुश्किल होगी क्योंकि विजयवर्गीय को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भी बीजेपी को विरोध का सामना करना होगा और बंगाल में भी बीजेपी के खिलाफ ममता इसको लेकर हमला बोलेगी क्यों विजयवर्गीय बंगाल के प्रभारी हैं।