
मध्यप्रदेश में एक महीने के करीब चली सियासी उठापटक के बाद बनी भाजपा सरकार अब पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के फैसलों को बदलने और रोक लगाने का काम शुरू कर दी है।
ऐसे में कमलनाथ सरकार द्वारा प्रदेश की कर्मचारियों को दिया गया तोहफ़ा महंगाई भत्ते में इजाफे पर की भाजपा सरकार ने रोक लगा दिया है।
कमलनाथ सरकार ने सरकार गिरने से पहले 16 मार्च को कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में इजाफ़ा करने का फैसला लिया था। जिसके बाद पार्टी में हुई बगावत और विधायकों के इस्तीफे के कारण कमलनाथ ने 20 मार्च को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।
महंगाई भत्ता बढ़ाने का ये फैसला एक जुलाई से लागू होना था लेकिन शिवराज सरकार ने इसे रोकने का फैसला किया है। पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने 16 मार्च को कर्मचारियों का महंगाई भत्ता पांच फीसदी बढ़ाने का फैसला लेते हुए इसे सातवें वेतनमान आयोग के मुताबिक 17 फीसदी तक पहुंचााया था।
शिवराज सरकार के इस फैसले की कमलनाथ ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार ने ये तानाशाहीपूर्ण फैसला वापस नहीं लिया तो कांग्रेस विरोध प्रदर्शन करेगी।
आने वाले समय मे मध्यप्रदेश में उपचुनाव भी होने वाला है ऐसे में ये मुद्दा और भी अधिक गर्माने वाला है।

































































