कृषि क्षेत्र से जुड़े विधयेको के पारित होने के बाद देश में किसानों के नाम पर संग्राम मचा हुआ है. एक तरफ जहां विपक्ष इन विधयेको को किसान विरोधी बताकर सरकार पर हमलावर है तो दूसरी तरफ सरकार इसे किसानों हितैषी और किसानों को मजबूत करने वाला विधयेको बता कर विपक्ष पर ही निशाना साध रही है।
दरसल संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़े दो अहम विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पेश किए। फिर विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच इसे पास भी करवा दिया। जिसके बाद से राजनीतिक पार्टियों और किसानों का विरोध जारी है।
किसानों ने इन विधयेको के खिलाफ भारत बंद’ का ऐलान किया है। जिसे कई राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने भी किसानों के इस प्रदर्शन का समर्थन किया है। साथ ही राहुल ने इस बिल को किसानों को गुलाम बना देने वाला बताया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि पहले मोदी सरकार ने GST के जरिए MEME सेक्टर को बर्बाद कर दिया। अब वो इस कृषि कानून से किसानों को गुलाम बना देंगे।
उन्होंने इसके साथ हैशटैग लिखा कि I Support Bharat Bandh।
इससे पहले विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में राहुल गांधी ने लिखा था कि 2014- मोदी जी का चुनावी वादा किसानों को स्वामीनाथन कमिशन वाला MSP। 2015- मोदी सरकार ने कोर्ट में कहा कि उनसे ये न हो पाएगा। 2020- काले किसान कानून, मोदी जी की नीयत साफ़, कृषि-विरोधी नया प्रयास, किसानों को करके जड़ से साफ, पूंजीपति मित्रों का ख़ूब विकास।
संसद के दोनों सदनों से पारित हुए कृषि विधेयकों के विरोध में आज किसान संगठन राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर रहे हैं। इससे पहले पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों ने तीन दिन की ‘रेल रोको’ हड़ताल की थी। सरकार का दावा है कि इन बिलों से किसानों को लाभ होगा। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और बाजार उनके उत्पादों के लिए खुलेगा। तो वहीं किसान संगठनों का कहना है कि इन विधेयकों से कृषि क्षेत्र कार्पोरेट के हाथों में चला जाएगा।