
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घोषणा मशीन भी कहा जाता है, कारण है उनका बिना सोचे समझे घोषणाएं करना और फिर उन घोषणाओं को पूरा नहीं करना.
जब जब चुनाव आते है शिवराज जी के पिटारे से लोकलुभावन घोषणा बाहर आने लगती है और चुनाव निकलते ही वे सभी घोषणाएं भुला दी जाती है. मात्र केवल पिछले 5 वर्षों पर नजर डालें तो शिवराज जी ने 5115 घोषणाएं की और उन घोषणाओं में से 75% से अधिक भुला दी गयी.
प्रदेश में हुए सभी उपचुनावों में शिवराज जी ने दर्जनों के भाव से घोषणा की और पूरी नहीं की, पिछले 5 वर्षों में 16 जिलों में उपचुनाव हुए है, उनमें शिवराज जी ने 1866 घोषणाएं की जो की पिछले पांच वर्ष में की गयी घोषणाओं का 37% है, झाबुआ में 101 घोषणा की तो पूरी मात्र 54 की, रतलाम में 157 में से 101 भुला दी गयी, शहडोल में 149 घोषणा की गयी जिनमें से 47 ही पूरी की गयी, अनुपूर में 163 में से मात्र 38 घोषणाओं को अमलीजामा पहनाया गया, इसी प्रकार उमरिया में 219 घोषणाओं में से 126 अभी भी पूरा होने का इन्तजार कर रही है.
यदि भाजपा का 2013 का घोषणापत्र देखा जाए और उनपर कितना अमल किया गया यह परखा जाए तो समझ आएगा की वो घोषणापत्र नहीं लोकतंत्र का शोषणपत्र था.
किसानों का ऋण माफ़ करने से ले कर भविष्यनिधि योजना, खेत सड़क योजना, पशुओं के लिए चलित उपचार योजना, सभी गावों को सड़क से जोड़ना, ग्रामीण हाट बजारों को स्थानीय कर मुक्त करने के वादे कर शिवराज जी ने दिया क्या? किसानों को आत्महत्या पर मजबूर कर दिया, किसानों को गोली मार कर ह्त्या करवाई.
शिक्षित महिलाओं के लिए भी अनेकों योजना घोषित की गयी, मगर दिया क्या? असुरक्षित मध्य प्रदेश, महिलाओं के लिए देश भर में सबसे असुरक्षित प्रदेश. इसी प्रकार शिक्षा के विस्तार के लिए अनेकों योजनाओं की घोषणा की गयी, परन्तु धरातल पर यदि देखे तो शासकीय शिक्षण संस्थाओं को हालत बद से बदतर होती गयी, और हर दिन नये निजी शिक्षण संस्थान खुलते गए, शिक्षा के अधिकार की जानबूझ कर हत्या की गयी.
अपराध रोकने के लिए बड़े बड़े वादे किये गए, मगर मप्र अपराध, बलत्कार, अपहरण में देश में सबसे आगे ही रहा.
यही नहीं धर्म और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भी अनेकों घोषणाएं की गयी, और धर्म और संस्कृति के नाम पर सिंहस्थ जैसा घोटाला किया गया.
भाजपा ने चिकिस्ता वयवस्था में सुधार के लिए अनेकों घोषणा की थी 2013 के वचनपत्र में, मगर स्थिति ये है की व्यापम घोटाले से शर्मसार मध्य प्रदेश में 3195 विशेषग्य डॉक्टरों की कमी है, 1000 से अधिक मेडिकल ऑफिसर पद रिक्त है, एनेस्थीसिया के आधे से अधिक पद खाली है,
ऐसी हजारों घोषणाएं है जो शिवराज सिंह सरकार ने प्रदेश की जनता से की, केवल घोषणा पत्र में ही नहीं घोषणा मशीन शिवराज सिंह चौहान ने अपने हर भाषण में नयी घोशनाएँ की, और उनमे से अधिकाँश झूठी.
पूर्व की घोषणाओं की तरह ही, भाजपा का दृष्टि पत्र भी मात्र छलावा ही है।