आडवाणी जी, अगर गुजरात दंगों में मोदी को बचाया नहीं होता तो आज आपकी ये दुर्गति नहीं होती

बीजेपी की लोकसभा चुनाव के लिए पहली लिस्ट आ गई है। इस लिस्ट में जो सबसे चौकाने वाली बात है, वो है BJP को 2 सीट से 282 सीट तक पहुँचाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी को इस बार पार्टी से सांसदी का टिकट नहीं मिलना। इसी के साथ आडवाणी के चुनाव में न उतरने से उनकी चुनावी राजनीति का अंत समझा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बीजेपी ने पहले चरण के चुनाव के लिए अपने उम्मीद्वारों की घोषणा कर दी है। इस घोषणा में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को टिकट ना मिलना सबसे ज्यादा चौंकाने वाला रहा है। लालकृण्ण आडवाणी की जगह गांधीनगर सीट से बीजेपी प्रमुख अमित शाह चुनाव लड़ेंगे।
आडवाणी की सीट पर अमित शाह के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से ट्विटर पर दो तस्वीर काफी तेजी से वायरल हो रही है। इन दोंनो तस्वीरों में अमित शाह लाल कृष्णा आडवाणी के ठीक पीछे खड़े हैं। पहली तस्वीर 1980 की है। इस तस्वीर में नरेंद्र मोदी और लाल कृष्ण आडवाणी बैठे नजर आ रहे हैं जबकि मोदी के पीछे अमित शाह खड़े नजर आ रहे हैं । दूसरी तस्वीर 1991 की है जब लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर से नामांकन कर रहे हैं उस समय भी अमित शाह मौजूद हैं।

बीजेपी ने पहले चरण की वोटिंग के लिए 184 उम्मीदवारों की घोषणा की जिसमें से 17 सांसदों के टिकट काट दिए गए हैं। जबकि नरेंद्र मोदी वाराणसी से दोबारा चुनाव लड़ेंगे। उनके अलावा राजनाथ सिंह फिर से लखनऊ से , वीके सिंह गाजियाबाद, स्मृति ईरानी अमेठी से चुनाव लड़ेंगी।बता दें  1984 में बीजेपी की सिर्फ दो सीटें आई थी।इसके बाद पार्टी को मजबूत करने में लालकृष्ण आडवाणी का काफी अहम योगदान रहा।वह 6 बार गांधीनगर से सांसद चुने जा चुके हैं। पहली बार वह 1991 में जीते थे। 1996 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने  इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। फिर 1998 से आडवाणी ही इस सीट पर लगातार जीत रहे हैं।

यह बीजेपी का पिछले 30 सालों में ऐसा पहला चुनाव होगा जब वह आडवाणी के बिना ही चुनावी मैदान में उतरेगी। एक समय ऐसा था जब आडवाणी खुद उम्मीदवारों को टिकट बांटते थे, आज उन्हें खुद उनकी ही पार्टी ने टिकट नहीं दिया।

एक समय ऐसा था जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह आडवाणी की छत्रछाया में राजनीति करते थे। मगर अब अमित शाह की छत्रछाया में आडवाणी को किनारे कर दिया गया। पार्टी के पितामह कहे जाने वाले आडवाणी का शायद राजनीतिक अंत होने वाला है।

हालांकि अभी सिर्फ 184 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा हुई है। बीजेपी ने अपनी तरफ से आडवाणी को टिकट न देने की बात नहीं कही है।

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