देश भर में अपने मजबूती , अपने कार्यो और बलिदान के लिए लोगो मे अपनी खास जगह बना चुका गांधी परिवार कांग्रेस के लिए उसकी बड़ी स्तम्भ है इसलिए कांग्रेस के नेता अक्सर गाँधी परिवार के तारीफ और उनके कार्यो के बारे में बोलते रहते हैं।
इस बार गांधी परिवार की तारीफ लोकसभा में कांग्रेस के नेता और बंगाल के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी ने कि है। उनके मुताबिक,यह परिवार एक “ब्रांड इक्विटी” है। जो किसी के पास नही है इसलिए गांधी-नेहरू परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति के लिए पार्टी का नेतृत्व करना मुश्किल होगा। अधीर रंजन ने बताया कि कांग्रेस जैसी ‘मजबूत’ विचारधारा वाली पार्टी, जिसकी हर जगह पहुंच हो वह ही भाजपा के “सांप्रदायिक रथ” को रोक सकती है। उन्होंने बताया, “क्षेत्रीय दल जैसे काम कर रहे हैं, वे आने वाले दिनों में अपना महत्व खो देंगे।
उनके महत्व खोने का मतलब है कि देश द्विध्रुवी राजनीति की ओर बढ़ जाएगा।” उन्होंने कहा, “द्विध्रुवी राजनीति की स्थिति उत्पन्न होने से हम दोबारा सत्ता में आ सकते हैं। इसलिए कांग्रेस का भविष्य उज्ज्वल है।” अधीर रंजन ने बताया कि क्षेत्रीय दलों में वैचारिक प्रेरणा का अभाव है और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी को व्यापक समर्थन है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सोनिया गांधी पार्टी की डोर हाथ में नहीं लेना चाहती थी लेकिन राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद संगठन को ‘संकट’ में देख उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारियों का अनुरोध स्वीकार कर लिया।
चौधरी ने बताया, “सोनिया गांधी ने संकट के समय में पार्टी की बागडोर संभाली। उन्हीं के नेतृत्व में ही मुश्किल समय में 2004 और 2009 में दो बार कांग्रेस ने सरकार बनाई थी।” उन्होंने कहा, “गांधी परिवार से बाहर किसी व्यक्ति का पार्टी का नेतृत्व करना वास्तव में मुश्किल होगा। राजनीति में भी ‘ब्रांड इक्विटी’ होती है
अधीर रंजन के बातों एक सच्चाई तो है क्योंकि जब 1995 से 2000 के बीच पार्टी कई भागों में टूटकर कमजोर और असहाय हो गई थी तब गांधी परिवार की बहू सोनिया गांधी ने पार्टी को न सिर्फ मजबूती प्रदान किया बल्कि लगातार 10 साल तक पार्टी को सत्ता में भी लाया