महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर राजनीतिक गतिविधियां गरमाई हुई है। राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद भी बीजेपी सरकार बनाने में असफल होती हुई दिख रही है क्योंकि बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा पूरा करने में बीजेपी ने असमर्थता दिखा दी है। जिसके बाद राज्यपाल ने राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है ऐसे में शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस के समर्थन की आवश्यकता होगी। मिली जानकारी के अनुसार NCP ने शिवसेना को समर्थन देने के लिए कुछ शर्त्त रखा है। जिसमे पहले पहले केंद्र सरकार से शिवसेना के दोनों मंत्रियों का इस्तीफा और NDA से शिवसेना का नाता तोड़ना प्रमुख है।
जिसके बाद मोदी सरकार में शिवसेना कोटे से मंत्री रहे अरविंद सावंत ने अपना इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाएगी।शिवसेना ने आज एक अहम बैठक बुलाई है। जिसके बाद सरकार के गठन को लेकर व्यापक चर्चा की जाएगी।
महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे। जिसमें बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इस गठबंधन का मुकाबला कांग्रेस और एनसीपी से था। लेकिन 24 अक्टूबर को जैसे ही चुनाव परिणाम आए सारे समीकरण बिखेड़ गए। बीजेपी 105 सीट लेकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो शिवसेना को 56 सीटें मिली। जो जरुरी बहुमत 145 से कहीं अधिक ज्यादा था। वहीं कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिली है। राज्य विधानसभा में कुल 288 सीटें है। लेकिन शिवसेना ने सीएम पद पर दावेदारी ठोक दिया। जिससे बीजेपी असहज हो गई। बीजेपी ने शिवसेना के मांग 50-50 के फार्मूले को नकार दिया है। जिसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने का निर्णय लिया है।
अब तक शिवसेना ने राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत नही किया है मगर मिली जानकारी के अनुसार शिवसेना और NCP के साथ-साथ कांग्रेस में भी मीटिंगों का दौर जारी है।