राष्ट्रपति शासन के बाबजूद महाराष्ट्र में NCP , शिवसेना और कांग्रेस सरकार बनाने के कवायद में जुटी

महाराष्ट्र में 24 को अक्टूबर को आए चुनाव नतीजों के 20 दिन बीत बाद भी कोई दल या गठबंधन सरकार गठन के लिए जरूरी नंबर नहीं जुटा सका। राज्य में किसी की सरकार न बनती देख राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए केंद्र को सिफारिश पत्र भेज दिया। राष्ट्रपति के दस्तखत के साथ ही राज्य में अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।

राष्ट्रपति शासन लगने के बाबजूद भी प्रदेश में सरकार गठन की लेकर कवायद चल रही है। कांग्रेस के अंदर मीटिंगों का दौर जारी है जबकि शिवसेना और NCP में भी मीटिंग जारी है। माना जा रहा है कि सरकार गठन से पहले तीनो दल हर पहलू पर चर्चा कर लेना चाहती है ताकि भविष्य में किसी तरह की समस्या ना हो।

मिली जानकारी के अनुसार मुंबई में कल रात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के बीच बैठक हुई। वहीं एनसीपी-कांग्रेस के बीच भी चर्चा जारी है। अब सरकार गठन को लेकर सबकी निगाहें कांग्रेस के फेसले पर टिकी है।

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के तीन प्रमुख दलों भाजपा, शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था, लेकिन कोई भी दल सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या बल नहीं जुटा पाया। जिसके बाद राज्यपाल को राष्ट्रपति शासन के लिए सिफारिश करनी पड़ी। हालांकि इसे लेकर राजनीतिक पार्टियों की ओर से नाइंसाफी के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। मगर राज्य में सरकार गठन की संभावना अब भी बरकरार है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति शासन कभी भी हटाया जा सकता है और विधानसभा अपनी मूल स्थिति में लौट सकती है। यानी 1 महीने या 2 महीने बाद, जब भी कभी सरकार बनने की स्थिति बने, तो राष्ट्रपति शासन हटाया जा सकता है।

अगर बात कांग्रेस खेमा की करें तो प्रदेश में शिवसेना के नेतृत्व में सरकार को समर्थन देने के मुद्दे पर मंगलवार को विचार मंथन का काफी लंबा दौर चला और पार्टी की शीर्ष निर्णायक इकाई कांग्रेस कार्य समिति की भी बैठक हुई। लेकिन इसके बावजूद पार्टी में इस मुद्दे पर असमंजस की स्थिति कायम रही। कई घंटों के विचार मंथन के बाद पार्टी ने तय किया कि इस मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ और विचार विमर्श किया जाएगा। साथ ही कांग्रेस ने सरकार में शामिल होने के अपने विकल्प खुले रखे हैं।

राष्ट्रपति शासन लागू होने पर एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लोकतंत्र का मजाक उड़ाना है। सरकार गठन पर दोनों पार्टियों ने कहा कि सभी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद हम इस पर आगे बात करेंगे। हमारे बीच स्थितियां स्पष्ट होने के बाद शिवसेना को समर्थन देने पर बात की जाएगी और उससे भी स्थितियों को स्पष्ट किया जाएगा।

इसके तुरंत बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि हमारी एनसीपी से बातचीत जारी है। हम अभी भी सरकार बनाने की स्थिति में हैं।

पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि कल कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा का शिवसेना की तरफ से पहली बार आधिकारिक तौर पर फोन किया गया था लेकिन यह गठबंधन के दूसरे दल से बात किए बिना तय नहीं किया जा सकता था। पहले हमारी बात हो जाए, सारी बातें क्लियर हो जाएं। तब हम शिवसेना से भी बात कर लेंगे। एनसीपी से बात के बाद शिवसेना से बातचीत की कोशिश जल्द होगी। न्यूनतम साझा कार्यक्रम के मुद्दों पर स्पष्टीकरण जरूरी है।

कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना में सरकार गठन को लेकर मीटिंग का दौर जारी है और साथ ही तीनो दल एक ऐसे एजेंडा तय करने में लगी हुई है जिससे तीनों दलो के सिद्धांतों पर कोई सवाल ना उठे और प्रदेश में स्थिर सरकार का निर्माण भी हो जाए।

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