
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का ये प्रभावशाली अंदाज जबरदस्त चर्चा में है कल उन्होने अपने घोषणापत्र. में जो जो वायदे किये उनकी आमजन में जबरदस्त चर्चा हैं
कल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पांच अहम वादे किये पढ़िए –
पहला वादा- कांग्रेस के मेनिफेस्टो में पहला वादा है रोज़गार का.
घोषणा पत्र में 2020 तक सभी खाली सरकारी पदों को भरने का वादा किया गया है. ग्रामीण युवाओं को रोज़गार देने का वादा मेनिफेस्टो में किया गया है. राहुल गांधी ने कहा कि उनकी सरकार पंचायतों और स्थानीय निकायों में 10 लाख सेवा मित्रों की नियुक्ति के साथ-साथ सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए होने वाली परीक्षा से आवेदन शुल्क हटाने का वादा किया है.
इसके साथ ही तीन साल के लिए युवाओं को बिज़नेस खोलने के लिए कोई मंज़ूरी लेने की ज़रूरत नहीं होगी और बैंक के दरवाज़े उनके लिए खोल दिए जाएंगे.
दूसरा वादा- मेनिफेस्टो में दूसरा अहम मुद्दा किसानों और कृषि से जुड़ा है. राहुल गांधी ने कहा है कि वो कृषि क्षेत्र का महत्व समझते हुए रेलवे की तरह अलग से किसान बजट पेश करेंगे.
कांग्रेस का कहना है कि केवल कृषि कर्ज़ माफ़ ही नहीं करेंगे बल्कि उचित मूल्य, कम लागत, बैंकों से कर्ज़ की सुविधा दे कर किसानों को अधिक आत्मनिर्भर बनाएंगे.
हर ब्लॉक में आधुनिक गोदाम और कोल्ड स्टोर बनाने के लिए नीति बनाने की बात और जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात भी मेनिफेस्टो में की गई है.
मनरेगा को एक बार फिर नए सिरे से प्रारूप देने (मनरेगा-3.0 का आरंभ करने) का काम करने का वादा भी किया गया है ताकि जिन ज़िलों ने 100 दिन के रोज़गार के लक्ष्य को पूरा किया गया है वहां रोज़गार गारंटी बढ़ाकर 150 किया जाएगा और जलाशयों की मरम्मत किया जाएगा. साथ ही स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूलों में कक्षा और पुस्तकालय और खेल के मैदानों के लिए भी मनरेगा के तहत काम होगा.
किसानों के कर्ज़ की समस्या से निपटने के लिए राहुल गांधी ने कहा कि डिफॉल्ट होने पर किसानों पर आपराधिक मामले दायर नहीं किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि अगर किसान कर्ज़ न दे पाए तो वो आपराधिक मामला नहीं बल्कि उसे सिविल ऑफेंस माना जाएगा.
अपने मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने बेघरों तथा भूमिहीन (जिसके पास घर बनाने की भूमि न हो) को घर देने के लिए “वासभूमि का अधिकार” कानून (Right to Homestead Act) बनाने का भी वादा किया है.
तीसरा वादा- अगला अहम वादा न्यूनतम आय योजना का है. कांग्रेस का कहना है कि गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ये योजना लाई जाएगी.
राहुल गांधी ने कहा है कि इसके तहत जनसंख्या का 20 प्रतिशत (5 करोड़ के आसपास) गरीब परिवारों को इसका लाभ मिलेगा. इसके तहत हर परिवार को सालाना 72,000 और पांच साल में 3,60,000 रुपये डाले जाएंगे.
उन्होंने नारा दिया- ‘ग़रीबी पर वार 72 हज़ार’ और कहा कि ‘हमारा पहला कदम न्याय का कदम है.’
राहुल गांधी का कहना है कि इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और इसकी अनुमानित लागत पहले साल में में जीडीपी का 1 फ़ीसदी से कम तथा उसके बाद जीडीपी के 2 फ़ीसदी से कम रहने की उम्मीद है. वादा- कांग्रेस ने देश में रेलवे के पुराने ढांचे को व्यापक रूप से और आधुनिक बनाने, राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण को तेज़ी से बढ़ाने और पूर्वोत्तर राज्यों में भी सड़क और रेल मार्ग को बेहतर करने का वादा किया है.
कांग्रेस ने पूर्वोत्तर राज्यों को विशेष दर्जा देने का वादा किया है और कहा है कि वो इन राज्यों के लिए औद्योगिक नीति लाएगी.
साथ ही शहरीकरण पर एक व्यापक नीति बनाने का भी वादा किया गया है जिसे बनाने में आपदा प्रबन्धन, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण का ध्यान रखा जाएगा.
शहरों में बढ़ रहे झुग्गियों में पानी, बिजली और स्वच्छता की व्यवस्था के लिए झुग्गी-झोपड़ी विकास एवं सुधार कार्यक्रम शुरू करने का वादा किया गया है.
कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में उद्योगों के साथ मिलकर विज्ञान और प्रोद्योगिकी पर जीडीपी का 2 फ़ीसदी तक खर्च करने और मत्स्य उद्योग और मछुआरों के कल्याण के लिए एक अलग मंत्रालय बनाने का वादा किया है.
पांचवा वादा- स्वास्थ्य को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि हम प्राइवेट इंश्योरेंस आधारित स्वास्थ्य स्कीमों पर भरोसा नहीं करते.
उन्होंने मोदी सरकार की स्वास्थ्य स्कीमों पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने लोगों से ही पैसा लेकर कुछ चंद लोगों को देने का काम किया है. हम सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने का काम करेंगे.
महिलाओं के लिए वादे- न्याय योजना के तहत दिए जाने वाले पैसे को महिलाओं के खाते में डालने की बात कांग्रेस ने की है.
साथ ही कांग्रेस ने कहा है कि 17वीं, लोकसभा के पहले सत्र में और राज्य सभा में संविधान संशोधन विधेयक के ज़रिए वो लोकसभा और राज्य विधान सभाओं में महिलाओं के लिए 33 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान करेगी. साथ ही हम केन्द्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान करेंगे.
साथ ही सीआईएसएफ़, सीआरपीएफ़ और बीएसएफ़ जैसी सशस्त्र बलों में महिलाओं की संख्या बढ़ाकर 33 फ़ीसदी करने का वायदा किया गया है. ये भी कहा गया है कि राज्य पुलिस बल में पदोन्नति में महिलाओं के 33 फ़ीसदी आरक्षण के मापदण्ड का सम्मान किया जाएगा.
कांग्रेस ने कहा है कि उनकी सरकार में कस्बों और शहरों में सरकारी नौकरी और नगरपालिका की नौकरी में अधिक महिलाओं को भर्ती किया जायेगा.
कांग्रेस ने राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को दूसरे आयोगों की तर्ज पर संवैधानिक दर्ज़ा देने की बात की है.
अन्य वादे- कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में धार्मिक अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों के “रक्षा का वचन” दिया है और कहा है कि वो संविधान के किए हुए वायदों को बिना भेदभाव के, रोज़गार में समान अवसर, धार्मिक स्वतंत्रता बनाये रखेगी.
साथ ही 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में और राज्यसभा में पीट-पीट कर हत्या करने और नफरत भरे अपराधों की रोकथाम करने और दोषियों को दंडित करने के लिये नया क़ानून लाएगी.
राहुल गांधी ने कांग्रेस अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इलिलामिया के अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान के स्वरूप को बनाये रखने का वादा भी किया है.
राहुल गांधी ने कहा कि मौद्रिक नीति बनाना रिजर्व बैंक का काम है, बीजेपी सरकार ने अनुचित तरीके से रिजर्व बैंक के काम काज में दखल दिया लेकिन कांग्रेस इसे पूरी तरह बदलेगी और वो रिजर्व बैंक की स्वायत्ता का सम्मान करगी.
अपनी सरकार के पहले साल में कांग्रेस ने प्रत्यक्ष कर संहिता लागू करने का वादा किया है.
साथ ही राहुल गांधी ने जीएसटी 2.0 लाने का वादा किया है जिसमें सभी वस्तुओं एवं सेवाओं पर एक समान लगाया जाएगा और सिगरेट और शराब पर विशेष टैक्स लगाने की व्यवस्था होगी. खाद्यान्न और जीवनरक्षक दवाओं को जीएसटी से बाहर रखने की बात भी कांग्रेस ने की है. कांग्रेस के अनुसार टैक्स चोरी करने वालों के ख़िलाफ़ दीवानी क़ानूनों के तहत कार्यवाही की जायेगी.
एससी, एसटी और ओबीसी के लिए पदोन्नति में आरक्षण देने के लिये संविधान संशोधन करने का वादा कांग्रेस ने किया है.
चुनाव में सुधारों की दिशा में अपारदर्शी चुनाव (निर्वाचक) बॉन्ड स्कीम को बन्द करने का वादा किया गया है. पार्टी का कहना है कि वो राष्ट्रीय चुनाव कोष की स्थापना करेगी जो निर्धारित मापदंडों के अनुसार मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को चुनाव के समय धन दें.
साथ ही मेनिफेस्टो में कहा गया है कि पार्टी मानती है कि मीडिया को स्वतंत्र और स्वनियंत्रित होना चाहिए और इसके लिए वो कांग्रेस प्रेस काउंसिल ऑफ़ इण्डिया एक्ट-1978 में दिए स्वनियमन की प्रणाली को और मजबूत करेगी.
कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे मे विरोधी भले ही कांट छांट कर झूठ फैला रहे हो लेकिन हकीकत मे बुद्धिजीवी वर्ग इस मेनिफेस्टौ की सराहना कर रहा हैं