
देश में फिजूलखर्ची और टैक्स के पैसों की बर्बादी को लेकर लंबी बहस चलती रहती है। चाहे वह गरीबों को दी जाने वाली सब्सिडी हो या शिक्षा पर किया जाने वाला खर्च हो या फिर विपक्ष द्वारा किसी मुद्दे को लेकर संसद का सत्र बाधित किया जाना हो जब भी कुछ इस तरह की बात आती है तो भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और सोशल मीडिया अधिकारी लगातार फिजूलखर्ची और टैक्स के पैसों की बर्बादी का मुद्दा उठाते हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे पर जिस प्रकार से पैसा बहाया जा रहा है वह स्पष्ट बता रहा है कि देश के टैक्स के पैसो को किस तरह से बर्बाद किया जा रहा है।
सरकार द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के अनुसार बीते 3 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड उड़ानों पर 255 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है।
विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड उड़ानों पर 2016-17 में 76.27 करोड़ रुपए तथा 2017-18 में 99.32 करोड़ रुपए खर्च किए गए. मुरलीधरन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों के लिए चार्टर्ड उड़ानों पर 2018-19 में 79.91 करोड़ रुपए खर्च हुए. 2019-20 के लिए बिल अभी प्राप्त नहीं हुआ है।
जब देश के प्रधानमंत्री के लिए इतना खर्च किया जा सकता है तो प्रधानमंत्री चुनने वाले जनता के शिक्षा पर खर्च क्यों नहीं किया जा सकता है। आखिर भारतीय जनता पार्टी शिक्षा पर किए जाने वाले खर्च में कटौती कर विदेश यात्रा पर खर्च बढ़ाकर देश को किस तरफ ले जाना चाहती है।