मोहन भागवत के बयान पर प्रियंका ने कहा , आरक्षण पर बहस के पीछे RSS का इरादा खतरनाक

आरएसएस प्रमुख के बयान के बाद फिर एक बार देश मे आरक्षण को लेकर बहस शुरू हो गई है। जहां आरएसएस के विरोधी फिर एक बार इसे आरक्षण समाप्त करने की चाल बता रहे हैं तो वही आरएसएस के समर्थक इसे एक अच्छी पहल बता रहे हैं। आरक्षण पर बहस की बात करके 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में हारने वाली भाजपा इस पर अधिक कुछ नही बोल रही मगर आरएसएस के प्रमुख के बयान से खुद को अलग भी नही बता पा रही है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा आरक्षण पर चर्चा करने के आह्वान को लेकर वो विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। उन्हें अपने निशाने पर लेते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इसे खतरनाक बताया है। प्रियंका ने कहा कि यह बयान उस समय आया है, जब भाजपा सरकार कई कानूनों को खत्म कर रही है।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “आरएसएस का इरादा और उसकी योजनाएं खतरनाक हैं। ऐसे समय में, जब भाजपा सरकार कई कानूनों को खत्म कर रही है, आरएसएस ने आरक्षण पर बहस का मुद्दा उठाया है।”
उन्होंने कहा कि आरक्षण को निशाने पर लेने के लिए आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए यह चर्चा का एक बहाना है। उन्होंने पूछा, “क्या आप लोग ऐसा होने देंगे?”

इससे पहले आरएसएस प्रमुख भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा था कि जो लोग आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं, उनके बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत होनी चाहिए। जिसके बाद से ही वो अधिकांश विपक्षी दलों के निशाने पर हैं और माना जा रहा है कि NDA के कई दल भी इससे नाराज हैं।

प्रियंका ने आरएसएस द्वारा आरक्षण को लेकर जनता के बीच बहस किए जाने को लेकर कश्मीर के जनता से जोड़ते हुए कहा, “आरएसएस ने घोषणा की है कि समाज के सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि मोदी जी और उनकी सरकार या तो आरएसएस के विचारों का सम्मान नहीं करते, या वे नहीं मानते कि जम्मू एवं कश्मीर में कोई मुद्दा है।”

प्रियंका के बातों से स्पष्ट है कि आरक्षण को अगर आरएसएस और बीजेपी मुद्दा बनाएगी तो कांग्रेस इससे लाभान्वित होने वाले लोगो से जोड़कर इसका खिलाफ करेगी और इसे अपना बड़ा मुद्दा बनाएगी।

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