मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी संकट के बीच राजस्थान के उपमुख्यमंत्री में कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट ने कमलनाथ सरकार का बचाव किया है और कहा है कि कमलनाथ ने कई बार बहुमत का दावा कर चुके हैं और बहुमत का परीक्षण सिर्फ सदन में हो सकता है। राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष को नियमों का पालन करना चाहिए। इसके साथ-साथ सचिन पायलट ने राजस्थान को लेकर बीजेपी के द्वारा लगाए किए जा रहे दावों को निराधार बताते हुए कहा कि राजस्थान में भाजपा के लिए कोई संभावना नहीं है
मीडिया एजेंसी से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा है फिलहाल राजस्थान में कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है. राजस्थान में बीजेपी की ओर से मध्य प्रदेश जैसी सरकार गिराने की कोशिश होने की संभावना के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यहां पर ऐसा कुछ होगा।
गहलोत सरकार में उप मुख्यमंत्री पायलट ने कहा कि यहां राजस्थान में संख्याबल कांग्रेस के पक्ष में है और मैं नहीं समझता कि राजस्थान में ऐसी कोई कोशिश हो सकती है. मध्य प्रदेश के राजनीतिक हालात पर सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश सरकार के पास बहुमत का दावा कर रहे हैं और इसका परीक्षण सदन में ही हो सकता है, यही परंपरा है. इसलिए मुझे उम्मीद है कि राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करेंगे. सदन के पटल पर पता चल जाएगा कि किसके पास बहुमत है, किसके पास नहीं।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ कई बार बहुमत होने का दावा कर चुके हैं. इसलिए मुझे नहीं लगता कि हमें चिंता करनी चाहिए लेकिन मध्य प्रदेश का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. मुझे आशा है कि कोर्ट का निर्णय कांग्रेस के पक्ष में होगा.
देश में फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर राजस्थान के उप मुख्यमंत्री पायलट ने कहा कि हम काफी भाग्यशाली हैं कि देश में चीजें काफी नियंत्रण में हैं, लेकिन अगले दो सप्ताह महत्वपूर्ण हैं. यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि अगले दो सप्ताह में जितना संभव हो उतना इसका प्रसार रोका जा सके.
पायलट ने कहा कि शहरों में तो जागरूकता की स्थिति अच्छी है लेकिन ग्रामीण इलाकों में इस समस्या को लेकर लोगों में जागरूकता कम है. इससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए हमने सभी नरेगा कर्मचारियों के लिए दिन में कम से कम चार बार हाथ धोना अनिवार्य कर दिया है. यह सलाह नहीं, बल्कि आदेश दिया गया है. हमने ग्राम स्वच्छता समिति को सक्रिय किया है, जिसका नेतृत्व सरपंच करते हैं. 45,000 गांवों में अब अगले 24 घंटों में जागरूकता अभियान चलेगा और परीक्षण से लेकर एकांतवास के बारे में जो भ्रम फैला है, उसे सामाजिक रूप से हल करेंगे.
उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में जिस तरह हालात खराब हैं, उसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर भारत में स्थिति बिगड़ती है तो क्या होगा. इसलिए अगले दो हफ्ते हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।