मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ सकती है क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में अपने सरकार के दौरान नर्मदा संरक्षण के नाम पर की नर्मदा यात्रा में घोटाले की बात निकलकर सामने आ रही है।
इस यात्रा के जरिए शिवराज सिंह ने विधानसभा चुनाव की तैयारी भी की थी जिस पर उस समय भी कांग्रेस के कई नेताओं ने आपत्ति व्यक्त किया था और इस यात्रा में घोटाले होने की भी बात कही थी और कांग्रेस ने चुनाव के दौरान ही कहा था कि इस यात्रा में जहां भी घोटाला होगा उस पर कारवाई की जाएगी अब कैग ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में यात्रा पर किए गए खर्च का ब्यौरा नहीं मिलने पर आपत्ति जाहिर की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि नर्मदा यात्रा पर 21 करोड़ रुपए बिना अनुमति खर्च किए गए जिसमें से 18 करोड़ के खर्च का हिसाब किताब गायब है. रिपोर्ट में ये भी बात सामने आई है कि खर्च के लिए जन अभियान परिषद ने नियमों के तहत मंजूरी भी नहीं ली थी. इस खुलासे के बाद अब कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है। वहीं बीजेपी ने कांग्रेस को जांच की चुनौती दे दी है।
कैग ने इस यात्रा को लेकर कई तरह की आपत्ति व्यक्त की है
● जनअभियान परिषद ने अपने उद्देश्य से हटकर 21 करोड़ रुपए खर्च किए
● प्रदेश के 40 जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को 21.67 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, इनमें से केवल नौ कलेक्टरों ने 3.79 करोड़ का उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजा बाकी 31 कलेक्टरों ने 18 करोड़ रुपए खर्च करने का अब तक हिसाब नहीं दिया
● अकेले अमरकंटक में नर्मदा सेवा यात्रा के एक कार्यक्रम में केवल ट्रांसपोर्टेशन पर करीब 13 करोड़ का खर्च बताया गया है
● नर्मदा सेवा यात्रा बसों को ज्यादा भुगतान की बात भी सामने आई है
बीजेपी सरकार में नर्मदा यात्रा 16 जिलों से होकर निकली थी और इसमें नर्मदा संरक्षण के बड़े-बड़े दावे किए गए थे. ये यात्रा अलीराजपुर, धार, खरगोन, देवास, सीहोर, रायसेन, डिंडोरी, अनूपपुर, सिवनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, हरदा, होशंगाबाद, खंडवा, बड़वानी और खरगोन ज़िलों से होकर निकली थी. यात्रा के दौरान जनअभियान परिषद की ओर से किए गए खर्च को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
कैग रिपोर्ट के बाद इस मामले में अब बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ गए हैं. कांग्रेस नेता माणक अग्रवाल की मानें तो कैग की रिपोर्ट बताती है कि यात्रा में किस तरह जनता के पैसों की बरबादी हुई. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई ज़रूर होगी. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि सरकार कैग की रिपोर्ट पर कार्रवाई करे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
वह तो वक्त ही बताएगा कि इस रिपोर्ट के बाद क्या होता है मगर अभी तक कैग द्वारा की गई आपत्तियो का माने तो आने वाले समय मे बीजेपी और शिवराज सिंह के लिए मुश्किल बढ़ेगी।