मध्यप्रदेश में फ्लोर टेस्ट को लेकर ये है बीजेपी और कांग्रेस का तर्क

मध्य प्रदेश में सियासी संकट जारी है एक तरफ जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर बैंगलोर में मौजूद विधायकों को वापस बुलाने की मांग की है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने के लिए राज्यपाल से दरख्वास्त कर रही है।

इस बीच खबर आई है कि बेंगलुरु में ठहरे कांग्रेस के बागी विधायक अपना होटल बदलेंगे। मिली जानकारी के अनुसार सिंधिया के समर्थक कांग्रेस विधायक बंगलूरू की जिस होटल में ठहरे थे वहां एक कोरिया का नागरिक भी ठहरा हुआ था। कोरियाई नागरिक को 102 डिग्री बुखार होना बताया जा रहा है। वहीं इस बात को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। ऐसे में यहां ठहरे कांग्रेसी विधायकों को रमादा होटल में शिफ्ट किया गया है। जहां पांच विधायक पहले से ठहरे हुए हैं।

बीजेपी नेता के द्वार राजपाल से मुलाकात करो टेस्ट कराने की मांग के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने कहा कि हास्यास्पद है कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मुलाकात कर भारत के संविधान 175(2) के अधिकारों के तहत अभिभाषण के पहले फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है।

जबकि भारत के संविधान का अनुच्छेद 176 यह कहता है कि वर्ष के आरंभ का पहला सत्र अनिवार्य रूप से राज्यपाल महोदय के अभिभाषण से ही होगा अर्थात फ्लोर का निर्माण ही जब होगा जब राज्यपाल का अभिभाषण होगा।

प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने कि अब जब पांचवां सत्र बजट के लिए 16 मार्च से 13 अप्रैल 2020 के लिए आहूत किया जा चुका है तब अनुच्छेद 175(2) की प्रासंगिकता वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नही रह जाती।

अनुच्छेद 175 और 176 क्या कहता है

अनुच्छेद 176: राज्यपाल का विशेष अभिभाषण:
(1) राज्यपाल, विधानसभा के लिए प्रत्येक निर्वाचन के बाद प्रथम सत्र की शुरुआत में और प्रत्येक वर्ष के पहले सत्र की शुरुआत में विधानसभा में या विधानपरिषद वाले राज्य की दशा में एक साथ समवेत दोनों सदनों में अभिभाषण करेगा और विधान-मंडल को उसके आह्वान के कारण बताएगा।
(2) सदन या प्रत्येक सदन की प्रक्रिया का विनियमन करने वाले नियमों द्वारा ऐसे अभिभाषण में विषयों की चर्चा के लिए समय नियत करने के लिए उपबंध किया जाएगा। भारत के संविधान में अनुच्छेद 175(2) में राज्यपाल को संदेश देने के लिए सदन को बुलाने का अधिकार दिया गया है।

अनुच्छेद 175: सदन या सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राज्यपाल का अधिकार:
(1) राज्यपाल, विधानसभा में या विधानपरिषद वाले राज्य की दशा में उस राज्य के विधान-मंडल के किसी एक सदन में या एक साथ समवेत दोनों सदनों में, अभिभाषण कर सकेगा। इस प्रयोजन के लिए सदस्यों की उपस्थिति की अपेक्षा कर सकेगा।
(2) राज्यपाल, राज्य के विधानमंडल में उस समय लंबित किसी विधेयक के संबंध में संदेश या कोई अन्य संदेश, उस राज्य के विधान-मंडल के सदन या सदनों को भेज सकेगा और जिस सदन को कोई संदेश इस प्रकार भेजा गया है। वह सदन उस संदेश द्वारा विचार करने के लिए अपेक्षित विषय पर सुविधानुसार शीघ्रता से विचार करेगा।

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