लंबे समय पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच खींचतान चल रही थी और अब ये अंत हो गई है क्योंकि के नवजोत सिद्धू ने अपना इस्तीफा सार्वजनिक कर दिया है। सिद्धू के मुताबिक उन्होंने करीब एक महीने पहले ही राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया था।
10 जून को सिद्धू ने राहुल से मुलाकात की थी पर उस समय उन्होंने मीडिया या किसी भी सार्वजनिक प्लेटफार्म पर इस्तीफा की बात नही कही थी पर आज उन्होंने अपना इस्तीफा सार्वजनिक कर दिया।
नवजोत सिद्धू साल 2016 में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर लिए थे। कांग्रेस में आते ही कैप्टन और सिद्धू के बीच कोल्डवार की खबर एक दो बार नहीं बल्कि कई बार मीडिया में सुर्खियां बटोरती नजर आई। दोनों के बीच की यह लड़ाई इस महीने के शुरुआत में अपने अंतिम चरण में पहुंच गई। दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया और सिद्धू से अहम समझे जाने वाले शहरी विकास मंत्रालय छीन लिया गया।
सिद्धू को नये मंत्रिमंडल में ऊर्जा मंत्रालय की कमान सौंपी गई थी। इसके बाद ही वे 10 जून को वो राहुल गांधी से मिले और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा दिया। उन्होंने इसकी सार्वजनिक घोषणा नहीं की थी। इस बीच सिद्धू ने न तो अपने नये विभाग को ज्वाइन किया और न ही वे ऑफिस पहुंचे और ना ही कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए। यही नहीं सिद्धू ने इस बाबत मीडिया से भी काटते दिखे। अब चिट्ठी सार्वजनिक करने के बाद उन्होंने घोषणा की है कि वो सीएम को भी अपना इस्तीफा भेजेंगे।
माना जा रहा है कि राहुल गांधी को ही सिद्धू अपना नेता मानते थे, वहीं उन्होंने कैप्टन अमरिंदर को कभी एक नेता के तौर पर तवज्जो नहीं दी जिससे अमरिंदर और सिद्दू में तनातनी बढ़ती चली गई। यही नहीं अमरिंदर ने पाकिस्तान पीएम के शपथग्रहण समारोह में जाने से मना किया था बावजूद इसके सिद्धू पाकिस्तान गए। इसके बाद लोकसभा चुनाव में हार का ठीकरा भी सिद्धू के सिर मढ़ा और बाद में मंत्रालय भी बदल दिया।
नवजोत सिंह सिद्धू चाहते थे कि राहुल गांधी इसमें हस्तक्षेप करें। अगर सिद्धू पद छोड़ने पर अड़े रहते तो इस्तीफा राज्यपाल या मुख्यमंत्री को सौंपते, लेकिन उनको यह समझ में आ रहा था कि राहुल गांधी के हस्तक्षेप से उनकी कुर्सी भी बच जाएगी और मंत्रिमंडल में उन्हें वही प्रतिष्ठा हासिल हो जाएगी।लेकिन बदलते घटनाक्रम में ऐसा संभव नहीं हो सका और अंततः सिद्दू को अपना इस्तीफा सार्वजनिक करना पड़ा।