यूपी के रामपुर में नवरीत सिंह के अंतिम अरदास में शामिल हुई प्रियंका गांधी, कहा शहादत व्यर्थ नही होने देंगे

कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर से हुए हादसे में मारे गए नवरीत सिंह के परिजन से गुरुवार को रामपुर में मुलाकात की।

इस दौरान प्रियंका ने कहा कि नवरीत की शहादत व्यर्थ नहीं होने देंगे। प्रियंका ने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक सरकार तीनों काले कानूनों को वापस न ले ले। प्रियंका ने कहा कि सरकार किसानों पर जुल्म कर रही है।

प्रियंका गांधी ने नवरीत सिंह के दादा का नाम लेकर कहा, ‘मैं हरदीप सिंह को कहना चाहती हूं कि आपके पोते की शहादत हम व्यर्थ नहीं होगे। इस आंदोलन को तब तक जारी रखेंगे जब तक ये तीन काले कानून सरकार वापस नहीं लेगी। सत श्री अकाल। वाहे गुरु जी की फतह, वाहे गुरु जी का खालसा।’

नवरीत की अंतिम अरदास में पहुंचकर प्रियंका गांधी ने कहा, ‘ये तीन काले कानून हैं सरकार इन्हें वापस नहीं लेना चाहती है। सरकार को वापस लेना ताहिए। किसान पर बहुत बड़ा जुल्म हो रहा है लेकिन इससे भी बड़ा जुल्म तब होता है जब ये शहीदों को आतंकवादी कहते हैं। जब ये किसान के आंदोलन को अपने लिए एक राजनीतिक साजिश की तरह से देखते हैं। ये बहुत बड़ा जुल्म है।’

प्रियंका ने कहा, ‘अगर एक नेता देश के किसान, देश के गरीब हर एक देशवासी की आवाज नहीं सुन सकता, अगर वह आवाज उठाए तो उसे तरह-तरह के नाम दिए जाते हैं लेकिन ये कभी नहीं कहा जाता है कि हां तुम मेरे साथी हो मेरे देशवासी हो। तुम्हारे दिल में दर्द है वो मेरा दर्द है आओ मैं तुम्हारी बात सुनूंगा। अगर वो नेता ऐसे नहीं कर सकते तो कुछ काम के नहीं रहे।’

प्रियंका ने कहा ये कोई राजनीतिक आंदोलन नहीं है। ये एक सच्चा आंदोलन है। ये आपका आंदोलन है। किसानों का आंदोलन है। एक-एक देशवासियों का आंदोलन है। इसलिए मैं यहां आज आई क्योंकि मैं इस परिवार को कहना चाहती हूं कि आप अकेले नहीं है। आपके साथ एक-एक देशवासी खड़ा है चाहे वह किसी भी धर्म का हो। आपके साथ कोने-कोने से किसान खड़ा है।

रामपुर पहुंचते वक्त रास्ते में हापुड़ जिले में प्रियंका के काफिले में शामिल 3 वाहन दुर्घटनावश एक-दूसरे से टकरा गए थे। गजरौला के पास हुए इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। घटना में कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हुए, मगर थोड़ी ही देर के बाद प्रियंका अपनी मंजिल की तरफ रवाना हो गईं।

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