कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी अपने चुनावी अभियान की शुरुआत गांधी परिवार के पैतृक शहर प्रयागराज यानी इलाहाबाद से करेंगी.
18 मार्च से 20 मार्च तक वो प्रयागराज से वाराणसी के बीच गंगा नदी में जलमार्ग से यात्रा करेंगी और इस दौरान उनके जनसंपर्क और कई अन्य कार्यक्रम रखे गए हैं.
प्रियंका गांधी के इस दौरे को लेकर कांग्रेस पार्टी ख़ासी उत्साहित है. पार्टी को लगता है कि ये यात्रा चुनावी अभियान को गति देगी और संगठन को मजबूत करेगी. इसके जरिए पार्टी नए वोटरों को भी साथ ला सकती है.
कांग्रेस के लिए इस दौरे के सांस्कृतिक मायने भी हैं. प्रयागराज में गंगा-यमुना का संगम है. ये शहर नेहरू-गांधी परिवार की विरासत की कहानी भी सुनाता है. हालांकि, बीते कई बरसों से पार्टी की पकड़ यहां कमजोर हुई है.
वहीं, वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट है. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि पार्टी के नेताओं में प्रियंका गांधी ही हैं जो मीडिया कवरेज और लोगों के बीच उत्सुकता जगाने में प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर दे सकती हैं.
यही वजह से है कि उनके इस दौरे का कार्यक्रम बहुत सोच समझकर तय किया गया है. इसमें गंगा, प्रयागराज और वाराणसी को जोड़ा गया है. बीते कई बरसों से भारतीय जनता पार्टी ऐसे सांस्कृतिक प्रतीकों के जरिए वोटरों के साथ भावनात्मक संपर्क बनाने का प्रयास करती रही है.
कार्यक्रम के आख़िरी दिन यानी 20 मार्च को वाराणसी के अस्सी घाट पर एक स्वागत समारोह भी रखा गया है और दिल्ली रवाना होने से पहले वो काशी विश्वनाथ के दर्शन भी करेंगी.
प्रियंका गांधी ने महासचिव का पदभार संभालने के बाद 11 फ़रवरी को लखनऊ आई थीं और रोड शो करने के बाद चार दिन तक कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात की थी.