कांग्रेस में रहकर कांग्रेस को हराने वालो की अब खैर नही , प्रियंका ने गद्दारों के पहचान के लिए बनाई टीम आप भी कर सकते हैं शिकायत

अगर आपको लगता है कि यूपी में किसी अपने नेता के गद्दारी के कारण कांग्रेस पार्टी हारी है और उसका सबूत आपके पास है तो आप सीधे प्रियंका गांधी को शिकायत कर सकते हैं और आपके शिकायत पर सीधा कारवाई भी होगी।

क्योंकि प्रियंका गांधी अब यूपी में कांग्रेस के घर के भेदियों को ढूंढ रही हैं. उन लोगों की पहचान की जा रही है जिन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी में रहते हुए पार्टी के ख़िलाफ़ काम किया. ऐसे ‘घर के विभीषण’ नेताओं की लिस्ट बनाने का काम शुरू हो गया है और इसके लिए कार्यकर्ताओं की भी मदद ली जा रही है।

प्रियंका गांधी ने इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अनुग्रह नारायण सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है. इस कमेटी ने लखनऊ में बैठक कर पार्टी के लोगों से भीतरघात करने वालों के नाम मांगे हैं और इसके लिए कांग्रेस ने एक मेल id भी जारी किया है।  upcclko@hotmail.com पर कांग्रेस के कोई भी नेता और कार्यकर्ता ऐसे लोगों के बारे में लिख कर बता सकते हैं. इसके लिए 5 जुलाई की डेडलाइन दी गई है.

रायबरेली में मीटिंग के दौरान प्रियंका गांधी के सामने ये बात उठी थी कि कांग्रेस को तो कांग्रेस ने ही हरा दिया।  इसके बाद प्रियंका ने चुनाव में हार की समीक्षा के लिए  बैठक बुलाई थी. उम्मीदवारों की अलग मीटिंग हुई. लोकसभा प्रभारियों और ज़िला अध्यक्षों से उन्होंने अलग-अलग बैठक की. हर मीटिंग में ये बात कॉमन रही कि कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी के ख़िलाफ़ काम किया. उम्मीदवारों को हराने की कोशिश हुई. ये आरोप भी लगे कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने बीजेपी के लिए काम किया. आरोप-प्रत्यारोप के चक्कर में प्रियंका के सामने ही मीटिंग में कुछ नेता एक दूसरे से भिड़ने को तैयार हो गए थे. प्रियंका ने सबको डांटकर चुप कराया और वादा किया कि भीतरघात करने वाले नेताओं को छोड़ा नहीं जाएगा।

अपने वादे के अनुसार प्रियंका ने इसके लिए एक टीम बनाकर सब को अपनी बात रखने को कहा है जिसके बाद पार्टी के गद्दारों के खिलाफ कारवाई की जाएगा।

प्रियंका गांधी अब कुछ कड़े फ़ैसले लेने के मूड में हैं. उनकी रणनीति यूपी कांग्रेस में भारी बदलाव की है. इसकी शुरुआत उन्होंने घर के विभीषणों की पहचान से की है. प्रियंका हर हाल में नया संगठन खड़ा करना चाहती हैं. वे दूसरी पार्टियों से मज़बूत नेताओं को कांग्रेस में लाने की जुगत में हैं.

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