
प्रियंका गांधी को मनाने का हर प्रयास विफल होता नजर आ रहा है पहले रोकने के बाद हिरासत में लेकर जब उन्हें गेस्ट हाउस भेजा गया उसके बाद से ही प्रशासन के अधिकारी उन्हें मनाने की कोशशि कर रहे हैं पर प्रियंका सोनभद्र में दस लोगों की हत्या के बाद वहां धारा 144 लागू होने के बाद भी पीड़ितों से मिलने की जिद पर अड़ी हुई हैं।
कल दिन-रात धरने पर बैठने के बाद प्रियंका तड़के लगभग साढ़े चार बजे सोने चली गई। मिली जानकारी के अनुसार भीषण गर्मी में बार-बार बिजली कटौती से परेशान प्रियंका गेस्ट हाउस के दूसरी ओर अकेले टहलती रहीं। प्रियंका गांधी तड़के करीब साढ़े चार बजे सोने के लिए कमरे में गईं।
चुनार किले के गेस्ट हाउस में कैद प्रियंका गांधी ने रात में कैंटीन का ही भोजन किया। प्रियंका को मनाने के लिए मिर्जापुर और वाराणसी मंडलों के मंडलायुक्त शनिवार देर रात वहां पहुंचे।
इनके साथ एडीजी पुलिस मौजूद रहे लेकिन वार्ता बेनतीजा साबित हुई। इसके बाद शनिवार सुबह से ही कार्यकर्ताओं का गेस्ट हाउस आना शुरू हो गया।
प्रियंका ने अधिकारियों द्वारा मिलने आने की बात ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा
“उप्र सरकार ने ADG वाराणसी श्री बृज भूषण, वाराणसी कमिश्नर श्री दीपक अग्रवाल, कमिश्नर मीरजापुर, DIG मीरजापुर को मुझे ये कहने के लिए भेजा कि मैं यहाँ से पीड़ित परिवारों से मिले बग़ैर चली जाऊँ। सब एक घंटे से मेरे साथ बैठे हैं। न मुझे हिरासत में रखने का कोई आधार दिया है न कागज़ात दिए।
मैंने इनसे मेरे वकीलों के मुताबिक मेरी गिरफ़्तारी हर तरह से गैर-क़ानूनी है। मुझे इन्होंने सरकार का संदेश दिया है कि मैं पीड़ित परिजनों से नहीं मिल सकती।
मैंने यह स्पष्ट करते हुए कि मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं बल्कि पीड़ितों से मिलने आयी थी सरकार के दूतों से कहा है कि बग़ैर मिले मैं यहाँ से वापस नहीं जाऊँगी।”