
मेरठ के SP के विवादित बोल का वीडियो जारी करके भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने देश में सांप्रदायिकता का जहर इस कदर घोला है कि अफसरों में संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
गौरतलब है कि नागरिकता संसोधन कानून को लेकर 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुए उपद्रव के बाद सोशल मीडिया पर एक अफसर का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अटपटे बोल बोलते हुए दिख रहे हैं। वीडियो एक मिनट 43 सेकेंड का है।
अफसर के हाथ में डंडा और हेलमेट है। प्रोटेक्टर जैकेट पहनकर गली में जाते दिखाई पड़ रहे हैं। वह मोबाइल से वीडियो बनाते हुए गली में वापस मुड़ते हैं। एक समुदाय के लोगों से कहते हैं कि जो हो रहा है, वह ठीक नहीं है। इस पर वहां खड़ा एक व्यक्ति कहता है कि जो लोग माहौल बिगाड़ रहे हैं, वे गलत हैं। इस पर अफसर कहते हैं कि उनको कह दो कि “वे दूसरे मुल्क चले जाएं। कोई गलत बात मंजूर नहीं होगी।”इस दौरान उन्होंने कहा कि “यह गली मुझे याद हो गई है। जो एक बार याद कर लेता हूं तो उसे भूलता नहीं हूं। एक-एक आदमी को जेल भेज दूंगा। सुन लिया न।” इसके बाद वह फोर्स के साथ चले जाते हैं।
मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण ने अपने बयान को लेकर अब सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि लिसाड़ी गेट इलाके में कुछ लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। तब उनसे कहा गया था कि अगर पाकिस्तान पसंद है तो वहां चले जाओ। एसपी सिटी अखिलेश ने साथ ही कहा कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों की पहचान की जा रही है। उनका कहना है कि वहां 18 से 22 साल के लड़के मौजूद थे।