प्रियंका गाँधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए मनीष सिंह

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में बुधवार को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की मौजूदगी में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व प्रत्याशी एवं सदर विधायक अदिति सिंह के चचेरे भाई मनीष सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।

श्री सिंह के साथ एक हजार से अधिक समर्थक पार्टी में शामिल हुये।
रायबरेली के पूर्व सांसद अशोक सिंह के बेटे मनीष सिंह को प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सदस्यता ग्रहण करायी। इस मौके पर श्रीमती प्रियंका गांधी मौजूद थी। सदस्यता लेने के बाद मनीष ने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे। उन्होने कहा कि प्रियंका जी के आने से कांग्रेस को मजबूती मिली है। उनके सक्रिय राजनीति में आने के बाद युवाओं की उम्मीदों को बल मिला है।

मनीष हरचंदपुर विधानसभा से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं। पहली बार 2012 में पीस पार्टी फिर 2017 में बसपा के टिकट पर वह चुनाव मैदान में उतर चुके हैं हालांकि दोनो ही बार उन्हे हार का सामना करना पडा। वह कांग्रेसी विधायक अदिति सिंह के चचेरे भाई है। अदिति ने पिछली दो अक्टूबर को पार्टी लाइन से हट कर विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लिया था जिसके चलते पार्टी ने उन्हे कारण बताओ नोटिस दिया था।

इस बीच रायबरेली में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार बल्लभ भाई पटेल, सुभाष चन्द्र बोस, विनोबा भावे, छत्रपति शाहू जी, ज्योतिबा फुले, सन्त रैदास, कबीर समेत देश के तमाम महापुरूषों के विचारों पर गहन परिचर्चा हुई। साथ ही साथ प्रशिक्षण में तमाम राजनीतिक दर्शनों पर गम्भीर चर्चा परिचर्चा हुई।

कांग्रेस के पदाधिकारियेां ने देश की आर्थिक स्थिति पर गहन चर्चा की। भाजपा की जनविरोधी आर्थिक नीतियों-जीएसटी के गलत क्रियान्वयन, नोटबन्दी, कालाधन, आर्थिक मंदी के नुकसान को जनता के बीच बेहतर तरीके से ले जाने का प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण में बेरोजगारी, किसान समस्या, कानून व्यवस्था, महिला हिंसा, उत्पीड़न, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाढ़ जैसे ज्वलंत मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई। जनता से संवाद, कुशल नेतृत्व, जनसंचार माध्यमों के उपयोग, सोशल मीडिया की ट्रेनिंग दी गई।

कार्यशाला में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित फिल्म दिखाई गई। उत्तर प्रदेश में सांगठनिक ढांचा मजबूत करने और आगामी आंदोलनों पर रणनीति बनी। प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए कार्यशाला में संगठन को मजबूत करने और आगामी आंदोलनों पर रणनीति बनी।

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