
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुलासा किया कि उन्होंने अपनी बहन को सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने और पार्टी में अहम भूमिका स्वीकार करने के लिए बहुत पहले मना लिया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “मैंने अपनी बहन से बात की और हम इस बात पर सहमत थे कि जब तक उनके बच्चे घर पर हैं और स्कूल जा रहे हैं, तब तक वह राजनीति में शामिल नहीं होगी। वह ऐसा करने में सक्षम नहीं थी, मैंने उससे एक-दो बार पूछा और फिर मैंने सोचा कि उस पर दबाव डालना और बच्चों के लिए उनके जीवन को कठिन बनाना मेरे लिए अनुचित था।”
वहीं, जब राहुल गांधी से पूछा गया कि क्या वह अभियान के दौरान अपनी बहन के साथ कितनी बार बातचीत की और नोट्स का आदान-प्रदान किया? उन्होंने कहा, “हर समय, और हम वास्तव में एक दूसरे से टकराते नहीं हैं। हम एक दूसरे को अपने दिलों में रखकर चलते हैं। इसलिए हम एक साथ बहुत कुछ कर चुके हैं और हम एक दूसरे से प्यार करते हैं। और हम कई मायनों में एक समान हैं।”
बता दें कि, लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी रैलियों की सरगर्मी के बीच 27 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कानपुर एयरपोर्ट पर काफी अलग अंदाज में दिखे थे। वीडियो में राहुल और प्रियंका की भाई-बहन के तौर पर बॉन्डिंग दिख रही है। राहुल गांधी ने खुद अपने फेसबुक पेज पर इस वीडियो को शेयर किया था, जिसमें वो प्रियंका के साथ मजाकिया अंदाज में नजर आ रहे हैं।
इस वीडियो में राहुल अपनी बहन प्रियंका के कंधे पर हाथ रखकर चल रहे हैं। राहुल गांधी ने इस फेसबुक लाइव में बहन प्रियंका को मस्ती भरे अंदाज में एक अच्छा भाई होने का मतलब समझाया।
गौरतलब है कि, राहुल गांधी ने जनवरी में प्रियंका को कांग्रेस महासचिव बनाया। उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई है। इससे पहले वे कभी सक्रिय राजनीति में नहीं थीं। कांग्रेस महासचिव बनने के बाद वे लगातार उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं। वे कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में सभाएं और रोड शो भी कर रहीं हैं।