
कांग्रेस अध्यक्ष तथा सांसद राहुल गांधी ने जब आज सदन में बोलना शुरू किया तो मानो ऐसा लग रहा है कि सरकार की करामात बाहर आ रही है राहुल गांधी ने अपने आक्रामक अंदाज मे बात रखते हुए रॉफेल डील को लेकर बारीकी से अपनी बात रखी
संक्षिप्त मे राहुल गांधी के भाषण के मुख्य बिंदु –
➡ प्रधानमंत्री जी ने कहा कि किसी ने उन पर आरोप नहीं लगाया। ये सच नहीं है आरोप हमने ही नही पूरा देश लगा रहा हेै
➡भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने लंबी बातचीत के बाद राफेल विमान को चुना। उन्हें 126 विमान चाहिए थे। इसे 36 विमानों में क्यों बदला गया? किसने इस जरूरत को बदला?
➡फ्रांस के राष्ट्रपति ने सार्वजनिक बयान में स्पष्ट रूप से क्यों कहा कि पीएम ने उनसे कहा है कि वो उनकी तरफ से श्री अंबानी को चुनें?
➡सरकारी खजाने पर 30,000 करोड़ का बोझ डालकर पीएम के मित्र श्री अनिल अंबानी को ठेका क्यों दिया गया?
➡एक बड़ा सवाल उठता है कि पुराने सौदे में एचएएल हवाई जहाज बनाती और विभिन्न प्रदेशों में हवाई जहाज बनता। लेकिन ‘डबल ए’ को कांट्रैक्ट दिया गया, लाखों युवाओं से रोजगार छीना गया
➡राफेल सौदे के 3 मुख्य स्तंभ हैं-
- प्रक्रिया
- मूल्य निर्धारण
- संरक्षक
तीनो ही संदेह के घेरे में है
➡मोदी सरकार चर्चा से भाग क्यो रही है क्या विपक्ष के नेता अपनी बात नही रख सकते?
……लेकिन आज स्पीकर सुमित्रा महाजन की भूमिका संदेहास्पद नजर आयी जिन्होंने राहुल गांधी को ओडियो टेप सुनाने की अनुमति नही दी वही भाजपा सांसद भी कुतर्क की तरह शोरगुल कर रहे थे जो स्वच्छ लोकतंत्र तथा संविधान के लिये सही नहीं है
राहुल गांधी के आज इस भाषण से एक बार फिर से विपक्ष के मजबूत नेता के रूप मे राहुल गांधी उभर कर सामने आये है.. चौकीदार चोर है या नही ये तो जेपीसी के गठन के बाद ही स्पष्ट होगा लेकिन 56′ इंच वाली सरकार को 50 सांसदौ वाली पार्टी ने सदन से लेकर सडक तक घैर रखा है इसमे कहने से कोई अतिश्योक्ति नही होगी