हिन्दुस्तान में जबसे आतंकवाद बढ़ा तब से नेताओं की सुरक्षा भी इतनी बढ़ गयी की उनका एक कटाव हो गया आम जनता से और उनकी दिक्कतों से ।
लेकिन आज जब मैंने राहुल गांधी जी को बिना किसी बड़ी सुरक्षा के साथ वहाँ आए युवा छात्र-छात्राओं से बात करते हुए देखा तो लगा हाँ अब वो नेता आया है जो नेहरु गांधी इंदिरा जी के राजनीति के तरीक़े को अपना रहा है ।
राहुल जी का यह तरीक़ा अनूठा इसलिए है क्योंकि इतने सालों बाद कोई ऐसा नेता जनता के बीच आया जो सिर्फ़ अपनी बात ना रखने में बल्कि जनता की बीच जाकर जनता के सवाल के जवाब देने में विश्वास रखता है ।
आज राहुल जी अपने कार्यक्रम में युवा छात्र-छात्राओं के साथ बातचीत करने के अलावा कुछ अहम मुद्दों जैसे रोज़गार , शिक्षा पे छात्र-छात्राओं की राय जानी ।
राहुल जी का एक वाक्य जो मुझे सबसे अच्छा लगा वो था जब उन्होंने आई आई टी के युवा छात्र-छात्राओं के विषय में बात करी । उन्होंने बोला की वो जितने लोगों से मिलते हैं वो कभी ना आई आई टी के अध्यापको की तारीफ़ करते हैं ना ही आई आई टी के आधारिक संरचना की तारीफ़ करते हैं वो बस आई आई टी के छात्रों की बात करते हैं जिसने आई आई टी का विश्व भर में नाम किया है । राहुल जी ने आगे कहा की सरकार का काम बस इन संस्थाओ को साधन प्रदान करने का होना चाहिए ना कि इन संस्थाओ की आंतरिक मामलों दखल अंदाजी करने का।
आज के कार्यक्रम में पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई जिसके बाद राहुल जी ने सी .आर .पी .एफ़्फ़ के जवानों को शहीद का दर्जा देने का वादा किया।
सबसे महत्वपूर्ण चीज राहुल जी ने आज के कार्यक्रम में युवा छात्र-छात्राओं को खुद की बातों से बांधे रखा। छात्र उनके मज़ाक़ पे हँस भी रहे थे , उनके कॉलेज की बातों को सुनकर ख़ुद को उनसे संबंधित भी कर रहे थे और उनके जिंदगी की घटनाओं जिसमें उन्होंने अपने पिता और दादी को खोया ये सुनकर भावुक भी हो रहे थे।
राहुल जी ने बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने अपनी ज़िंदगी में हिंसा की वजह से अपने लोगों को खोया है और वह जानते हैं कि हिंसा से किसी समस्या का समाधान नहीं निकल सकता ।
आज जिस तरीक़े का मेरा वास्तविक अनुभव रहा उसके अनुसार मीडिया द्वारा बनाई गई छवि से राहुल जी बिलकुल ही विपरीत हैं ।
उनमें हर मुद्दे पे बात करने की इच्छा है , कुछ नया जानने की लालसा है और अपने विचार रखने और अपनी बातों को लोगों तक पहुंचाने में वो एकदम सक्षम रहे ।
आज का युवा वर्ग कहीं ना कहीं सिर्फ़ मंच पर जाके भाषण देने वाले नेताओं को अपना आदर्श नेता नहीं बनाना चाहता
बल्कि एक सादगी से परिपूर्ण , लोगों के बीच जाके लोगों की बातो को समझने वाले नेता को चाहता है ।
राहुल जी में आज एक बेहतर हिंदुस्तान के भविष्य के साथ साथ एक साफ़ दिल इंसान भी सबको दिखा ।
राहुल गांधी को सुनने आई तमन्ना पंकज के नजरिये से कांग्रेस अध्यक्ष का आज का संवाद कार्यक्रम