देश के सबसे पुराने दल कांग्रेस की एक बार फिर से करारी हार हुई है सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है कि लोग राहुल गांधी की भावनाओ से जुडे हुए है वो उनके ही नेतृत्व में काम करना चाहते हैं लेकिन राहुल गांधी ने ये कहते इस्तीफा दिया है कि उनकी पार्टी पर वंशवाद का टैग हटाया जाये
बरहाल कांग्रेस कार्यसमिति ने फिलहाल तो राहुल गांधी की मांग को ठुकरा दिया है, राहुल गांधी ने अकेले लडाई लडी उनका साथ भी किसी ने नही दिया
राहुल गांधी को करना होगा कमेटी में बदलाव –
राहुल गांधी के आसपास भिनभिनाने वाले नेता पार्टी की सही रिपोर्ट को नही देते हैं अमेठी में 2012 से माहौल खराब हो रहा है वहा के स्थानीय नेताओ ने पार्टी को जड़ से कमजोर करने का काम किया हैं, 2017 विस चुनाव में अमेठी में कांग्रेस सिमट गयी थी फिर भी लोकसभा चुनाव लडने का फैसला राहुल गांधी ने किया क्योंकि स्थानीय कांग्रेस और उनके आस पास घूमने वाले नेताओ ने उन्हें बाधित किया जिसका नतीजा रहा कि वो हार गये
राहुल गांधी को जोडना होगा नये लोगो को –
ऱाहुल गांधी ने युवाओ को आगे लाने का नारा तो दिया है लेकिन उनकी पार्टी के ही कुछ नेता नये लोगो को जिम्मेदारी देने से डरते है क्योंकि उन्हें पता है अगर नये लोग आयेगे तो उनकी छुट्टी हो जायेगी इसलिये राहुल गांधी को चाहिये कि वो इस्तीफा देने की जिद छोड़कर आगे आये और पार्टी मे सारे फैसले स्वयं ले, पार्टी में चल रही रुढिवादी परंपराओ को समाप्त कर नयी ऊर्जा के साथ मिशन 2024 के लिये राहुल को लग जाना चाहिए हारे तो इंदिरा जी भी थे उन्होने इस्तीफा नही दिया था बल्कि उन्होने जबरदस्त संघर्ष करके वापसी की थी