
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनके विरोधी पप्पू कहकर उनका उपहास उडाने का काम करते हैं लेकिन हकीकत में राहुल गांधी क्या है वो तो उनके करीबी और वही लोग जानते हैं जिनकी अक्सर वो मदद किया करते हैं
राहुल गांधी के बारे में उनके समर्थक कहते है कि राहुल गांधी दिल से राजनीति करते हैं तभी अक्सर वो ट्रोल भी हो जाते है लेकिन ट्रोल होना, उपहास बनना, या फिर किसी के अभद्र टिप्पणी से क्या फर्क पड़ता है? किसी भी इंसान को अगर पता है कि वो खुद क्या है तो दुनिया क्या सोचती है ये कोई फर्क नहीं पडता हैं यही आज एक बार फिर राहुल गांधी ने पत्रकार की मदद करके साबित कर दिया है
राहुल गांधी अपनी संजीदगी व सौम्यता के लिये जाने जाते है वो हमेशा कभी न कभी अपनी विनम्रता से चर्चा मे आ ही जाते हैं |
केरल के वायनाड में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर दिल जीत लिया है। मामला केरल के वायनाड का है। जहां नामांकन भरने के बाद राहुल गांधी रोड शो कर रहे थे। रोड शो के दौरान राहुल गांधी के स्वागत के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा था। हालत यह थे कि सड़कों पर पैर रखने की जगह नहीं थी। इस दौरान बैरिकेडिंग टूटने से कई पत्रकार घायल हो गए। हादसे के बाद राहुल गांधी फौरन उन घायलों के पास गए और उनसे हालचाल लिया। इतना ही नहीं राहुल गांधी घायल पत्रकारों को एंबुलेंस तक लेकर गए।
यह कोई पहली घटना नहीं है जब उन्होंने अपने रैली या कार्यक्रम के दौरान घायल पत्रकार को मदद के लिए दौड़कर नहीं पहुंचे हो। 27 मार्च को दिल्ली में राहुल गांधी ने जब एक पत्रकार को घायल अवस्था में देखा था जो एक सड़क हादसे में चोटिल हो गए थे, उन्होंने तुरंत अपना गाड़ी रुकवाया और घायल पत्रकार को एम्स तक ले गए थे। इस दौरान घायल पत्रकार के माथे को रुमाल से पोछते हुए दिखाई दिए थे।
राहुल गांधी को लेकर जो विरोधी मानसिकता पाल बैठे है वो भी शायद बहुत जल्द दूर होगी चाहे आप आडवाणी जी का उदाहरण देख लीजिये या अटल जी का, माना जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अटल जी से मिलने ( जब वो बिमार थे) हर सप्ताह मे एक दिन जाते थे वही आडवाणी जी के साथ उनको अादर सम्मान देते राहुल गांधी कभी न कभी तो नजर आ ही जाते है यही उनको औरो से अलग तथा जननायक बनाता हैं