कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने हावर्ड कैनेडी स्कूल के एम्बेसडर निकोलस बर्न से शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के मध्यम से बातचीत की।
इस दौरान राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), आरएसएस, भारत के आंतरिक मुद्दे, चीन के साथ संबंध, कोरोना लॉकडाउन सहित तमाम मामलों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बातचीत के दौरान ये भी बताया कि अगर वो देश के प्रधानमंत्री होते तो क्या करते। राहुल गांधी ने कहा है कि अगर वह भारत के प्रधानंमत्री होते तो ग्रोथ (विकास) की जगह नौकरियों पर फोकस करते। राहुल गांधी ने कहा कि आज भारत को ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित करने की जरूरत है।
राहुल गांधी ने इस चर्चा के दौरान कहा, “मैं ग्रोथ-सेंट्रिक आइडिया से जॉब-सेंट्रिक आइडिया की ओर बढ़ूंगा। मैं कहूंगा कि हमें ग्रोथ की जरूरत है, लेकिन प्रोडक्शन और जॉब क्रिएशन और वैल्यू एडिशन को आगे बढ़ाने की हमें ज्यादा जरूरत है।”
प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर वह किन नीतियों को प्राथमिकता देंगे? हावर्ड कैनेडी स्कूल के एम्बेसडर निकोलस बर्न द्वारा पूछे गए इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, ”मुझे 9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि में कोई दिलचस्पी नहीं है, अगर देश में लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है तो। देश की अर्थव्यवस्था के विकास का कोई मतलब नहीं है अगर आप नौकरियों का सृजन नहीं कर पा रहे हैं तो। वर्तमान में यदि हमारे देश के विकास को देखेंग तो मुझे लगता है कि विकास और नौकरी के बीच एक प्रकार का संबंध होना चाहिए। चीन वैल्यू एडिशन में लीड कर रहा है। मैं आजतक कभी ऐसे चीनी नेता से मिला जो मुझसे कहता है कि हमारे यहां जॉब क्रिएशन की दिक्कत है।”