राहुल ने बताया मजदूरो को देश की शक्ति

राहुल गांधी ने हाल ही में दिल्ली में उन प्रवासी मजदूरों से बात की थी जो कि सड़कों पर पैदल चलकर अपने-अपने घरों की ओर जा रहे थे। उन्होंने आज प्रवासी मजदूरों से बातचीत का वीडियो जारी किया है। इस वीडियो कई प्रवासी मजदूरों का दर्द दिखाई दिया। राहुल गांधी ने कहा कि लगातार देश में कोरोना के बढ़ते मामले के मद्देनजर लगे लॉकडाउन की सर्वाधिक मार प्रवासी मजदूरों पर पड़ी है।

वीडियो में झांसी के रहने वाले महेश कुमार कहते हैं, “हम 120 किलोमीटर पैदल चलकर यहां तक आएं है और रात भर पैदल चले है। हमें तो मजबूरी है कि हम लोगों को पैदल जाना है।” एक महिला अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि बड़े आदमी है तो कोई दिक्कतें नहीं है। हम लोग भूखे मर रहे हैं। तीन दिनों से हम भूखे है। बच्चा भी है हमारा साथ में। एक महिला ने कहा कि खाने के लिए पैसा तक नहीं है।

एक महिला ने भावुक होते हुए राहुल गांधी से कहा कि गांव पहुंचा दीजिए हम लोगों को। हम लोगों को वापस हरियाणा मत पहुंचाना। हमको गांव जाना है।

राहुल गांधी ने एक मजदूर से पूछा कि कहां से आ रहे हो तो उसने कहा कि मैं हरियाणा से आ रहा हूं। पूरे परिवार के साथ। वहां मजदूरी का काम करता था। 100 किलोमीटर से चल रहा हूं। राहुल गांधी ने पूछा कि कैसे पता चला कि लॉकडाउन लगा है तो उन्होंने कहा कि अचानक पता चला। उन्होंने पूछा कि पैसे आपके पास हैं तो मजदूरों ने कहा कि नहीं। फिर राहुल गांधी ने पूछा कि कैसे काम चल रहा है तो उन्होंने कहा कि बस चले जा रहे हैं। मजदूरों ने कहा कि वहां 5-5 हजार रुपए का सामना छूट गया। अब तो वो वापस आने से रहा। एक महिला ने सामान को छोड़ने पर कहा कि जान बची तो लाखों पाए।

राहुल ने पूछा कि सरकार अगर मदद कर सके तो उसे क्या करनी चाहिए, आप सुझाव दें। इस पर लोगों ने कहा कि जो लोग गांव जाना चाहें उन्हें गांव जाने दिया जाए। साथ ही रोजगार शुरू हो जाए। वीडियो में राहुल गांधी ने मांग की है कि श्रमिकों के साथ न्याय हो। सरकार तुरंत उनके लिए सीधा कैश ट्रान्सफर करे। 13 करोड़ परिवार को 7500 रुपए दे।

राहुल गांधी ने एक महिला से पूछा कि ये 3-4 महीनों में खत्म हो जाएगा तब आप वापस आएंगे क्या? तब महिला जवाब देती हुए कहती है कि जबतक मोदी जी है तब तक नहीं। उनका कुछ पता नहीं चलता है कि रात को बोलते है कि 12 बजे के बाद सब बंद। ऐसे में हम क्या करें। इसका मतलब सबकुछ बंद तो सब कुछ बंद। वो गरीब आदमी के बारे में सोचते नहीं है।

एक प्रवासी मजदूर ने राहुल गांधी से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे लग रहा है कि किसी तरह से घर पहुंच जाउं। उन्होंने कहा कि सरकार को जितनी दिन के लिए लॉकडाउन लगाना था। उतने दिनों के बार में पूरा बता देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पहली, दूसरी और अब तीसरी बार लॉकडाउन लगा दिया है। पता नहीं कितने दिनों और लगेंगे।

एक महिला ने कहा कि गरीबों का कोई महत्व नहीं है। सरकार को 8 दिन पहले बता देना चाहिए था कि क्या होना है। बाकी जो मन होता वो करते। लेकिन सरकार को जनता का कोई परवाह नहीं है।

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