राहुल को इस्तीफा देने की जगह जमीन पर जनता के बीच जाना चाहिए

योद्धा वो नही जो हार कर घर बैठ जाए , योद्धा तो वो है जो हार कर मैदान में अगले युद्ध की तैयारी में भिड जाए

कल CWC में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने साफ तौर पर कह दिया कि वो पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हैं और अपने पद से इस्तीफा देते हैं पर मैं कहती हूं राहुल को इस्तीफा देने की जगह जनता के बीच जाना चाहिए और प्रदेश के क्षत्रपों पर आंख बंद करके भरोसा करने की जगह जमीनी स्थिति को खुद देखना चाहिए क्योंकि राहुल की मेहनत में कोई कमी नही थी। प्रदेश के क्षत्रपों में कमी थी उसे राहुल को सुधारना है तो खुद जमीन पर जाकर पता करना होगा कौन सा क्षत्रप किस प्रदेश में उनकी बातों को जनता तक ले जा सकता है। मोदी के इस विराट जीत में शाह के साथ साथ भाजपा के क्षत्रपों का भी योगदान रहा है।

राहुल के साथ कुछ ऐसी ही दिक्कत है जैसा ऑस्ट्रेलिया के महानतम बल्लेबाज ग्रेग चैपल के साथ थी, वो बेहतरीन बल्लेबाज थे पर कप्तान के तौर पर इसलिए असफल हो गए क्योंकि उनके खिलाड़ी उनके अनुसार नही चलते थे मतलब अगर चैपल दाहिना जाने बोलते थे तो वो बायां जाते थे कुछ यही हाल कांग्रेस में भी हो गया क्षत्रप या तो आलसी हो गए हैं या फिर केंद्रीय कमिटी की बातों को अनसुना कर अपनी जिद्द पर रहते हैं।

राहुल को खुद जमीन पर उतर कर काम करना होगा , हर लोकसभा के विधानसभा तक जाना होगा, सिर्फ चुनावो में ही नही अभी से ही उन्हें हर प्रदेश के हर जिले और प्रखंड कमिटी को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमो का बारीकी से निरक्षण करना होगा क्योंकि राहुल जिस शक्ति से लड़ रहे हैं उसके पास मोदी जैसा नेता , शाह जैसा प्रबंधक , आरएसएस जैसा संगठन और उद्योगपतियों का भरपूर सहयोग है ऐसे में बिना जमीन पर उतरे इसे हराया नही जा सकता है।

गांधी जी ने कहा था कांग्रेस खुद को जनता की पार्टी कहती है तो उसे जनता के बीच संवाद करना होगा ना कि दिल्ली-मुंबई के कुछ लोगो के साथ बन्द हॉल में। कांग्रेस को किसानों के बीच खेतो में जाना होगा और ये काम राहुल कर सकते हैं।

राहुल को खुद के साथ साथ ऐसे साथी को भी बनाना होगा जो जगनमोहन रेड्डी के तरह पूरे प्रदेश की यात्रा कर सके क्योंकि पहले उनके पिता YRS और अब जगन ने आंध्र के सत्ता में आकर बता दिया कि अगर जनता के बीच हम जाएं तो हम हर ताकत को हरा सकते हैं।

इसलिए राहुल को इस्तीफा की बातों को छोड़ जनता के बीच जमीन पर जाना चाहिए।

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