
डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन ने शनिवार (19 जनवरी) को कोलकाता में आयोजित विपक्षी दलों की रैली में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के साथ थे। एक दिन बाद ही वे राहुल गांधी की तरफदारी करने लगे। उन्होंने कहा कि 2019 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पीएम उम्मीदवार होंगे। रविवार को स्टालिन ने कहा, “हमारी पार्टी की बैठक में मैंने राहुल गांधी के नाम को प्रस्तावित किया। हमारी बैठक में हम जो भी चाहते हैं, उसे कहने का अधिकार है। हमने यह नाम तमिलनाडु की जनता की ओर से प्रस्तावित किया है। हमने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि तमिलनाडु के लोग यही उम्मीद करते हैं।”
कोलकाता में विपक्ष की रैली पर बोलते हुए स्टालिन ने कहा कि इसका आयोजन ममता बनर्जी द्वारा किया गया था, जिसमें अरविंद केजरीवाल, फारूख अब्दुल्ला, एचडी कुमारस्वामी और अखिलेश यादव समेत 20 से ज्यादा विपक्ष के नेता शामिल हुए थे। स्टालिन ने याद करते हुए कहा कि कैसे उनके पिता और डीएमके के संरक्षक एम करूणानिधि उनलोगों में से एक थे, जिन्होंने इंदिरा गांधी के नाम को प्रधानमंत्री के तौर पर प्रस्तावित किया था और उसके बाद सोनिया गांधी के नाम को भी संभावित प्रधानमंत्री के तौर पर प्रस्तावित किया था। हालांकि, बाद में सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह के नाम को प्रधानमंत्री के लिए प्रस्तावित किया।
स्टालिन ने कहा, “किसी ने यह नहीं कहा कि डीएमके द्वारा राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित करना गलत है। यहां तक की एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि राहुल गांधी पीएम उम्मीदवार के लिए उपयुक्त है। कोलकाता में, किसी भी विपक्षी नेता ने मुझसे नहीं पूछा कि मैंने उनका नाम क्यों प्रस्तावित किया है।”
बता दें कि स्टालिन ने शनिवार को कहा था कि आगामी आम चुनाव भाजपा के ‘‘कट्टर हिंदुत्व’’ के खिलाफ भारत के लोगों के लिए आजादी की दूसरी लड़ाई के समान होंगे। तृणमूल कांग्रेस की महारैली में स्टालिन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कुछ लोगों से ‘‘डरते’’ हैं।