
पूरा विपक्ष लगातार रॉफेल डील की सौदेबाजी पर सवाल कर रहा है लेकिन भाजपा लगातार इस मुद्दे से बचने का तथा इस मुद्दे को दबाने की कोशिश कर रही हैं
रॉफेल के मुद्दे पर तीन साधारण से सवाल है जिसका जवाब बीजेपी को देना चाहिए
– आखिर रॉफेल का सौदा करते समय देश की सुरक्षा का क्यो नही सोचा गया?
– एक अनुभवहीन कंपनी को ठेका देने की कौनसी जरुरत पडी?
– जहाज के तिगुने दाम देकर कौनसा राष्ट्रहित मे काम किया?
राहुल गांधी तथा अन्य नेता लगातार इस मुद्दे पर सवाल कर रहे है भाजपा के बडे बडे अनुभवी नेता भी मान चुके हैं इसमे गडबडी हुई है लेकिन सरकार लगातार इस मुद्दे को दबा रही है इससे यही स्पष्ट हो रहा है कि राहुल जी का कथन ” चौकीदार ही चोर हैं ” एकदम सही हैं
रॉफेल के मुद्दे पर फ्रांस सरकार ने भी साफ किया है कि भारत मे सरकार के खिलाफ जो विपक्ष सवाल कर रहा है वो सही है अब सबसे बडा सवाल यही है कि आखिर मोदी ने चोरी नही की है तो वो मौन क्यो हैं ?
एक तरफ भाजपा प्रवक्ता केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत रॉफेल पर राबर्ट वाड्रा को दोष दे रहे थे तो खुद के संसदीय क्षेत्र जोधपुर मे उन पर जमीन हडपने का आरोप लगा है
मतलब साफ है भाजपा इस मुद्दे पर कैसै भी करके छुटकारा पाना चाह रही जिसका सरल तात्पर्य है कि मोदी सरकार ने रॉफेल अनुबंध से करोडो की चपत देश को लगाई है कम शब्दो मे कह सकते है कि राष्ट्र की सुरक्षा के सरकार ने समझौता कर राष्ट्रद्रोह का काम किया हैं