राहुल गांधी ने चुनाव में जिस मुद्दे को उठाया था उसे हेमंत ने अपने पहली बैठक में ही किया पूरा

झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार एक गांव के करीब 10,000 से अधिक लोगों पर दर्ज हुआ राजद्रोह का मामला काफी चर्चा का विषय रहा। इसे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उठाया और सरकार को निशाने पर लिया।

झामुमो और कांग्रेस दोनों ने इस मामले को लेकर तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार की आलोचना की यही कारण है कि जब महागठबंधन की नई सरकार के मुखिया के रूप में हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उन्होंने सबसे पहले इसी मामले को सुलझाते हुए सभी पर दर्ज को FIR वापस लेने का निर्देश दिया।

छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और पत्थलगड़ी मामले में दर्ज एफआईआर सभी FIR को वापस लेने से ये स्पष्ट हो गया कि नई सरकार अपने मुद्दों और वादों के लिए ईमानदार है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रविवार को शपथ लेने के बाद एक्शन दिखे रविवार शाम उन्होंने झारखंड मंत्रालय पहुंचकर पहली कैबिनेट की बैठक की। इस दौरान गठबंधन के मंत्री आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव और सत्यानंद भोक्ता भी शामिल हुए।

झारखंड कैबिनेट की इस पहली बैठक में सोरेन सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। यहां सबसे पहले विधायकों को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर के रूप में स्टीफन मरांडी का चुना गया और छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और पत्थलगड़ी मामले में दर्ज एफआईआर को वापस लेने का निर्देश दिया।

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, हेमंत कैबिनेट ने छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और पत्थलगड़ी मामले में हजारो लोगो पर दर्ज एफआईआर को वापस लेने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही इस बैठक में खाली पड़े सरकारी पदों को भरने का भी निर्देश दिया गया है। नए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने को कहा गया है।

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