एक तरफ जहां सेंसेक्स लगातार गिरता जा रहा है और डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होते जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्यों में से एक मध्यप्रदेश में सियासी संग्राम मचा हुआ है। जिस कारण कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया को अर्थव्यवस्था को लेकर संबोधित किया और केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी पर हमला बोला इस दौरान पत्रकारों ने उनसे जब कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में सवाल किया तो उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी।
मीडिया द्वारा राहुल से ये सवाल किया गया था कि सिंधिया को राज्यसभा की टिकट क्यों नही दी गई इस पर राहुल गांधी ने कहा कि चूंकि वह पार्टी प्रमुख नहीं हैं, इसलिए वह टिकट वितरण पर निर्णय नहीं ले सकते हैं।
राहुल ने पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान कहा, ‘मैं कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं हूं और मैं राज्यसभा के उम्मीदवारों का चयन नहीं करता।’
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर उन्होंने कहा, ‘यह एक विचारधारा की लड़ाई है। मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया को भलीभांति जानता हूं। हम दोनों एक साथ कॉलेज में पढ़े हैं। वो अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर डरे हुए हैं। लिहाजा उन्होंने अपनी विचारधारा को पॉकेट (जेब) में डाल दिया। हालांकि उन्होंने जो किया है, उसका उनको जल्द ही एहसास होगा। वहां उनको सम्मान नहीं मिलेगा।’
उन्होंने कहा, ‘यह विचारधारा की लड़ाई है। एक तरफ कांग्रेस है और दूसरी तरफ भाजपा-आरएसएस हैं।’
राहुल गांधी ने इससे पहले सिंधिया के इस दावे को खारिज कर दिया कि वह उनसे या पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मिलने में असमर्थ हैं। राहुल ने कहा कि सिंधिया की गांधी के घर में हर समय पहुंच थी और वो एकमात्र नेता थे जो किसी भी वक्त उनके घर आ सकते थे।