
वो चाहता तो लंदन में रहकर पाउंड में कमाता और पूर्वजो के बनाए गए इज्जत के नाम भारतीय लोगो के लिए 1-2 ट्वीट कर देता पर नही उसे भी अपने दादी और पिता के तरह देश पर कुर्बान होना चाहे देश का एक बड़ा वर्ग उसे और उसके परिवार को घिनौनी गालियां ही क्यों ना दे।
वो चाहता तो पहली बार MP बनकर ही PM बन जाता पर नही उसे और उसकी माँ को तो योग्य PM चाहिए था जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सके।
वो चाहता तो अपनी पार्टी की सरकार में हस्तक्षेप कर सारे सरकारी एजेंसी को गुलाम बनाकर रखता पर नही उसे तो संवेधानिक संस्थानों को मजबूत करना है और मीडिया को कुत्तो की तरह बिस्कुट देकर पालता पर नही उसे मीडिया की आजादी पसन्द है।
वो चाहता तो अपने खिलाफ लिखने और बोलने वालों के लिए ट्रोल आर्मी तैयार कर उन्हें गाली दिलवा सकता पर नही उसे तो आजादी का असली अर्थ देश के लोगो के बीच देखना है।
वो चाहता तो अपने पार्टी के सरकार के समय उद्योगपतियों के कर्ज माफ कर उनसे चंदा ले सकता था और अपनी ब्रांडिंग करवा सकता था पर नही उसे तो उद्योगपतियों पर टैक्स लगवाना था जबरदस्ती उद्योगपतियों से वेलफेयर का काम करवाना था।
वो भी अपने नाम पर मीडिया हाउस बनवा सकता था पर वो अपने पिता के नाम पर NGO बनवाता है।
अरे वो चाहता तो भोग-विलासता की जीवन जी सकता था पर नही उसे तो संघर्ष ही करना है।
वो भी प्रज्ञा ठाकुर जैसी जहर उगलने वाली को सांसद बनवा सकता था पर नही वो मजदूर की एक काबिल बेटी राम्या को सांसद बनवाता है।
हां , वो हर वो अनैतिक काम कर सकता था जिसे करके लोग आज सत्ता के शिखर पर हैं पर नही वो सत्य के मार्ग को चुनता रहा जिस कारण वो आज भी संघर्ष करता हुआ ही दिख रहा है।
Banda great hai sirf vakht ki chapet hai
Hosla ràkhiye is rat ki subah hogi
Aap ki har baat sahi hai.hum logo ne zamin pe kaam kya.hum Nahi haar rahe the.e.v.m. Ka khel huwa ye Pura Hindustan Janta hai.lekin hamara koi bada leader e.v.m pe baat Nahi Kar Raha hai.jis se hum Jaise karykataon ko maayusi ho rahi hai……
राहुल गांधी जी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना जरूरी नहीं पार्टी संघटन को नए सिरे से खडा करो जो अनुशासन में नही उनको बाहर का रास्ता दिखावो और जो इमानदार है उनको संघटन की जिम्मेदारी दो सफलता आपके कदम चुमेंगी