केरल में बाढ़ से सबसे अधिक परेशान वायनाड संसदीय क्षेत्र है। जहां भारी बारिश के कारण आए बाढ़ और भूस्खलन से आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। इससे निपटने के लिए वहां के सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी पूरी टीम के साथ लगे हुए हैं।
स्थिति में सुधार लाने के लिए राहुल गांधी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में मंत्रियों से केरल में बाढ़ से उबरने में मदद करने के लिए कहा है। बाढ़ से केरल का वायनाड जिला बुरी तरह प्रभावित है। इसलिए राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र में दौरे के लिए जा रहे हैं।
लगातार दूसरे साल आई बाढ़ ने केरल में भयंकर तबाही मचाई। बाढ़ के चलते केरल में 125 लोग मारे गए और लगभग 16,000 घर क्षतिग्रस्त हो गए।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लिखे अपने पत्र में, राहुल गांधी ने केरल में मनरेगा के तहत कामों के दायरे का विस्तार करने और 100 दिनों की रोजगार गारंटी देने वाली इस योजना में बढ़ोतरी कर 200 दिन करने को कहा है।
राहुल ने अपने पत्र में लिखा कि केरल ने पिछले कुछ दशकों में सबसे खराब बाढ़ में से एक देखा। भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन ने लोगों को बेघर कर दिया है, और घरों में कीचड़ और गाद के जमाव के कारण हजारों घरों को निर्जन बना दिया है।
मैं अनुरोध करना चाहता हूं कि केरल राज्य के लिए मनरेगा के तहत कामों के दायरे का विस्तार किया जाए, ताकि राज्य में आवश्यक बाढ़ पुनर्वास कार्य किए जा सकें, और एक परिवार के लिए रोजगार की न्यूनतम गारंटी वाले दिनों में 200 दिन की वृद्धि की जाए।
अकेले वायनाड जिले में, 14 लोग मारे गए और पड़ोसी मलप्पुरम में, जिसके कुछ हिस्से वायनाड संसदीय क्षेत्र में आते हैं, लगभग 60 लोग मारे गए थे।
राहुल ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी पत्र लिखा, उन्होंने लिखा कि पर्यटकों में लोकप्रिय वायनाड में बाढ़ से सड़के क्षतिग्रस्त हो गई है। इसलिए सड़कों की मरम्मत, रखरखाव और पुनर्निर्माण के लिए धन का आवंटन किया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग 766 पर 20 हिस्सों का उल्लेख किया, जो केरल और कर्नाटक को जोड़ता है, जिसे तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है।
गांधी ने लिखा कि भूस्खलन, सड़क की खस्ताहालत और अन्य दुर्घटनाओं ने राष्ट्रीय राजमार्गों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निमाण के लिए शीघ्र प्रबंध सुनिश्चित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को लिखे एक अन्य पत्र में, राहुल ने वायनाड में नए राहत शिविर स्थापित करने का अनुरोध किया। गांधी ने लिखा कि वायनाड निर्वाचन क्षेत्र की अपनी हालिया यात्रा के दौरान, मुझे नीलांबर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा लगाए गए चिकित्सा राहत शिविर स्थापित करने के बारे में जानकारी मिली। मुझे उम्मीद है कि इस संबंध में मंत्रालय तत्काल कार्रवाई करेगा।
राहुल के इस पत्र से साफ है कि राहुल अपने संसदीय क्षेत्र के परेशानी को लेकर काफी चिंतित हैं और ये भी साफ है कि वायनाड आज अपने सांसद के रूप राहुल गांधी को पाकर गर्व महसूस कर रहा होगा क्योंकि जिस तरह से राहुल गांधी के बातों को तवज्जो मिल रही है शायद अन्य सांसदों को नही मिलती।