विगत कई सालों से यह सुनने में मिल रहा है कि देश की सुरक्षा के लिए तैनात जवानों को के भोजन के गुणवत्ता में भेदभाव किया जा रहा है।
जिसको लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल ने सवाल किया है।
संसद की रक्षा मामलों की स्थायी समिति की बैठक में राहुल गांधी ने सवाल किया कि सीमाओं पर तैनात जवानों और अधिकारियों के भोजन अलग क्यों है?
राहुल के सवाल पर सीडीएस बिपिन रावत ने जवाब दिया कि ‘ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले जवानों की खाने की आदतें और स्वाद अधिकारियों की तुलना में अलग होता है, जो कि ज्यादातर शहरी पृष्ठभूमि से आते हैं. हालांकि मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि सैनिकों और अधिकारियों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता में कोई अंतर नहीं है।
उल्लेखनीय है कि जवानों और अधिकारियों के खाने का मुद्दा पहले भी कई जवानों द्वारा उठाया जा चुका है। भारतीय सेना के जवान तेज बहादुर यादव ने भी यह मुद्दा पहले उठाया था, हालांकि बाद में उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा था।