राज्यसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी ने कांग्रेस का साथ देकर नये समीकरणों को जन्म दे दिया. बीटीपी ने कांग्रेस कैम्प को मजबूत करने का काम किया. 2 बीटीपी विधायकों का आना ना केवल अभी बल्कि कांग्रेस की आदिवासी अंचल में भावी सियासत को प्रभावित करेगा. बीता विधानसभा चुनाव एक बात के लिये खासी चर्चाओं में रहा. आदिवासी अंचल में सियासी तूफान लाने का काम किया बीटीपी. एक प्रतिशत वोट लेकर भारतीय ट्राइबल पार्टी का उदय हो गया, दो विधायकों ने चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया.
कांग्रेस की जमीन में सेंध लगा दी और बीजेपी की जड़े हिला दी. सागवाडा और चौरासी की सीटें जीत ली. सबसे युवा विधायक राजकुमार रोत को चौरासी सीट से विधानसभा में पहुंचा दिया और रामप्रसाद रोत को सागवाडा से. राज्यसभा चुनाव में इन दो वोटों की अहमियत है वो भी तब जब सियासी परिस्थितियां उफान पर हो. बीटीपी केे दो विधायकों से बीजेपी ने भी संपर्क किया लेकिन उन्होंने अशोक गहलोत से जुड़ना पसंद किया ,हालांकि मांग भी रखी कि महाराष्ट्र पैटर्न टी एस पी इलाके में लागू हो.
आपको बताये कि कांग्रेस के दोनो उम्मीदवार को जीतने के लिये 102 विधायको की जरुरत है जबकि अभी कांग्रेस के पास 125 विधायको का समर्थन है इस तरह से कांग्रेस के दोनो उम्मीदवार आसानी से जीत जायेगे लेकिन फिर भी बीजेपी चुनाव के अंतिम दिन तक कांग्रेस के तथा निर्दलीय विधायकों मे सेंध लगाने की कोशिश करेगी फिर भी कांग्रेस कोई मौका इस बार बीजेपी को देती नजर नही आ रही हैं।