राज्यसभा चुनावों की गणित में कांग्रेस आगे है कारण साफ है निर्दलीय विधायक अभी तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ है , इनकी कोई बड़ी नाराजगी अभी तक नजर नहीं आई है. 13 निर्दलीय जीतकर आये थे चुनाव इनमें से अधिकांश पहले से ही कांग्रेस और गहलोत समर्थक माने जाते है. निर्दलीय विधायकों ने कहा कि कांग्रेस के दोनों उम्मीदवार जीतेंगे ,हालांकि उन्होंने इस बात से इंकार नहीं किया कि बीजेपी ने उनसे संपर्क साधा था.
आपको बताये कि राजस्थान मे अब तक कुल 13 निर्दलीय विधायक है जो गहलोत खेमे यानि कांग्रेस विचारधारा के समर्थक है वो राज्यसभा चुनाव मे कांग्रेस को वोट करेगे लेकिन बीजेपी का राष्ट्रीय कैंप इन निर्दलीय विधायको से लगातार संपर्क साधने की कोशिश कर रहा है लेकिन निर्दलीय विधायको का कहना है कि पूरी तरह से राजस्थान सरकार के साथ है वो राज्यसभा मे उनका ही साथ देगे।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान के कई निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस का खुलकर समर्थन तथा प्रचार किया था 6 विधायको ने कांग्रेस की सदस्यता भी ले ली थी बाकी 13 विधायकों को भी या तो कांग्रेस की सदस्यता दिलायी जायेगी या उन्हे मंत्रीमंडल मे राज्यसभा चुनाव के बाद शामिल किया जायेगा।
इससे पहले राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि हमारे दोनो प्रत्याशियों जीतेगे हमारे पास पर्याप्त संख्याबल है लेकिन वही गहलोत ने एक निजी इंटरव्यू के दौरान अप्रत्यक्ष रुप से पायलट पर निशाना साधते हुए कहा था कि वो इस चुनाव मे साथ नही दे रहे है हालांकि इस पर पायलट की कोई प्रतिक्रिया नही आयी हैं।
चूंकि अशोक गहलोत ने कहा है कि मप्र पैटर्न पर राजस्थान मे सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है इसके बाद प्रभारी अविनाश पांडे सक्रिय हो चुके है तथा वो लगातार राजस्थान कांग्रेस के विधायकों के संपर्क साध रहे है जिन विधायकों मे नाराजगी है उनकी बात को भी सुन रहे है गौरतलब है कि मप्र मे कांग्रेस की सरकार प्रभारी हाईकमान की असक्रियता की वजह से ही गिरी है यही कारण है कि राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे सक्रिय हो चुके हैं।