कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर PM नरेंद्र मोदी पर अपना हमला तेज करते हुए आरोप लगाया कि ऑफसेट अनुबंध हासिल करने के लिए अनिल अंबानी की एकमात्र योग्यता ‘चौकदार’ से उनकी दोस्ती थी.
बारह नवंबर के पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार अभियान के समाप्त होने से महज चंद घंटे पहले गांधी ने एक रैली में कहा कि खुद को देश के संसाधनों का चौकीदार बताने वाले मोदी ने अपने उद्योगपति मित्र को फायदा पहुंचाने के लिए पिछली संप्रग सरकार के समय के लड़ाकू विमान सौदे में तब्दीली कर दी.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘वायुसेना ने आठ से नौ साल तक दुनिया भर के श्रेष्ठ जंगी विमानों का गहन निरीक्षण करने के बाद (दसाल्ट) राफेल का चुनाव किया था. लेकिन, प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी अपने प्रतिनिधिमंडल में अंबानी को ले गये और उन्होंने सौदा बदल दिया एवं दाम 1600 करोड़ रुपये प्रति विमान तय किया.’
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 126 विमानों के लिए 526 करोड़ रुपये प्रति विमान की दर से खरीदारी पर बातचीत की थी. कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘उन्होंने (मोदी ने) सरकारी कंपनी एचएएल से ऑफसेट अनुबंध लेकर अंबानी को दे दिया जिसने कभी कोई विमान नहीं बनाया है.’
उन्होंने कहा कि मोदी को देश को बताना चाहिए कि उन्होंने 45,000 करोड़ रुपये के कर्ज तले दबे अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये का सौदा क्यों दे दिया. उन्होंने कहा, ‘अनिल अंबानी की योग्यता क्या है. बस यही कि वह चौकीदार के मित्र हैं.’
कांग्रेस ने लगातार आरोप लगाया है कि यह जंगी विमान खरीद एक ‘घोटाला’ है. सत्तारुढ़ भाजपा का कहना है कि यह खरीददारी नियमों के अनुरूप हुई है.