सुप्रीम कोर्ट ने डीके शिवकुमार को राहत देते हुए ईडी को लगाई फटकार

कर्नाटक कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले डीके शिवकुमार को लगातार केंद्र सरकार के इशारो पर परेशान किया जा रहा है। ऐसे में जब उन्हें कोर्ट से जमानत जमानत मिली तो उसे खारिज करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने याचिका डाल दी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ना सिर्फ खारिज किया बल्कि प्रवर्तन निदेशालय को फटकार भी लगाया।

सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन मामले में काग्रेस नेता डी के शिवकुमार को जमानत दिये जाने के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की अपील खारिज कर दिया। शिवकुमार को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत प्रदान की थी।

हाई कोर्ट ने शिवकुमार को 23 अक्टूबर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत खारिज करने के लिए अर्जी दिया। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी।

कोर्ट ने इस दौरान याचिका खारिज करते हुए ईडी को फटकार भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से सख्त लहजे में कहा कि ये देश के नागरिकों के साथ ट्रीट करने का सही तरीका नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही ईडी से कहा कि वे शिवकुमार के केस में पी चिदंबरम वाली दलील पेश कर रहे हैं, जो कॉपी-पेस्ट है। कोर्ट ने कहा कि इसमें बदलाव भी नहीं किया गया है।

बता दें कि पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार को 25 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। वे मनी लॉन्ड्रिंग मामने में कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। जमानत पर बाहर आने के बाद शिवकुमार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह कमजोर नहीं बल्कि और मजबूत हुए हैं। शिवकुमार ने कहा था कि वे न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कही गई बातों से स्पष्ट है कि केंद्र सरकार के इशारो पर विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है। यही कारण है कि जमानत याचिका खारिज करनवाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय एक ही तर्क बार-बार दे रहा है। जिस कारण से सुप्रीम कोर्ट प्रवर्तन निदेशालय को फटकार भी लगाया।

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