मप्र बीजेपी मे सिंधिया के आने के बाद शुरु हुआ गुटबाजी का दौर

मध्यप्रदेश की सियासत में जब सिंधिया कांग्रेस मे थे तब कांग्रेस गुटबाजी से भरी हुई थी प्रदेश मे 4-5 गुट बने हुए थे जिसके कारण तीन दशक बाद भी मप्र मे कांग्रेस सत्ता मे नही आ पाई लेकिन अब जब सिंधिया बीजेपी मे चले गये है तब इसके विपरीत होने लगा है आज कांग्रेस कमलनाथ की अगुवाई मे पूरी तरह से एकजुट है लेकिन सिंधिया के बीजेपी मे जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी का मप्र संगठन डगमगा सा गया हैं।मध्य प्रदेश भाजपा के तमाम नेता, पार्टी सिंधिया को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं.

प्रदेश के पूर्व अजय विश्नोई लगातार सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों को लेकर कटाक्ष कर रहे हैं. विश्नोई ने मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष विस्तार में जबलपुर और रीवा संभाग की अपेक्षा को लेकर अपत्ति दर्ज कराई.

उन्होंने पत्र में कहा कि जबलपुर ओर रीवा संभाग के नागरिकों में मंत्रिपरिषद को लेकर असंतोष है, जो स्वभाविक है.

आपकी मजबूरी में समझ सकता हूं. आमजन नहीं. मेरा अनुरोध है कि आप जबलपुर और रीवा जिलों का प्रभार ले लेवें. इससे लोगों की नाराजगी दूर हो जाएगी. इसके पहले दिग्विजय सिंह भी, मुख्यमंत्री रहते हुए जबलपुर के प्रभारी रह चुके हैं.

इसके बाद अजय विश्नोई ने यह कहकर सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर हमला किया कि जिन मंत्रियों को चुनाव में जाना है उनको बिना विभााग का रखा जाए. ऐसे मंत्रियों को दिए जाने वाले विभाग मुख्यमंत्री अपने पास रखे.आपने कहा कि अभी बीते 3 माह तक जैसे कुछ विभागों को छोड़कर सभी विभाग मुख्यमंत्री के पास थे

इसी तरह आगामी 3 माह तक मुख्यमंत्री तमाम विभाग अपने पास रख सकते हैं. विश्नोई के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया के खुद के शहर ग्वालियर में भी सब कुछ ठीक नही चल रहा है. ग्वालियर के सांसद और भाजपा के पुराने नेता विवेक नारायण शेजवलकर भी सिंधिया को लेकर असंतुष्ष्ट बताए जा रहे हैं.

दरअसल विवेक नारायण शेजवलकर ने महापौर रहते हुए. ग्वालियर में फूलबाग से लेकर किले तक रोप-वे परियोजना शुरु की थी. रोप-वे का सिंधिया लगातार विरोध करते रहे. अब जैसे ही भाजपा में आए उन्होंने रोप-वे के लिए सिंधिया स्कूल के पास परियोजना के लिए उपलब्ध कराई गई सरकारी जमीन का आवंटन रद्द करवा दिया.

इसके कारण रोप-वे का काम रुक गया है. कुछ इसी तरह गोरखी गेट पर बनी दुकानों पर बुलोजर चलवाए जाने को लेकर भी भाजपा के नेता सिंधिया से नाराज हैं. बताया जा रहा है कि जिस जमीन पर यह दुकानें बनी है. वह जमीन लगभग 45 साल पहले स्व.विजया राजे सिंधिया ने, जनसंघ के तत्कालीन नेता स्व. जगदीश गुप्ता को आवंटित की थीं.

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