पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में चले जाने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस में मची हलचल और घमासान के बीच कांग्रेस के लिए कहीं न कहीं राहत की खबर आई है क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाने वाले मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामनिवास रावत ने दावा किया है कि वह कांग्रेस में ही रहेंगे क्योंकि उनकी आस्था कांग्रेस पार्टी से है।
बता दें कि रावत की गिनती ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबियों में होती रही है।
रावत ने कहा कि वह कांग्रेस में थे, हैं और वहीं रहेंगे।उन्होंने कहा, ‘मेरी कांग्रेस और सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के प्रति आस्था है। कांग्रेस की विचारधारा के साथ हूं।’
सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रावत ने कहा, ‘सिंधिया को कांग्रेस के भविष्य को लेकर उहापोह थी, इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ी है। कांग्रेस में उन्हें जितना सम्मान मिला, गांधी परिवार से संबंध रहे, कांग्रेस में विभिन्न पदों पर रहे, इतना सम्मान बीजेपी में नहीं मिलेगा।
इसका प्रमाण है कि जिस दिन सिंधिया का भोपाल आगमन हुआ, उसी दिन उनके स्वागत समारोह के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें विभीषण कह डाला।’
ज्ञात हो कि सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। इनमें 19 विधायक गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, हरदीप सिंह डंग, जसपाल सिंह जज्जी, राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, मुन्ना लाल गोयल, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिरराज दंडौतिया, रक्षा संतराम सिरौनिया, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव बेंगलुरू में हैं।